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रेहड़ी-पटरी वालों समेत व्यवसासियों की संकटें गहराई
पुरी. पुरी में महाप्रभु श्री जगन्नाथ के मंदिर को फिर से खोलने की मांग उठने लगी है. श्रीमंदिर कोरोना और ओमिक्रॉन के बढ़ते मामले को देखते हुए बीते 13 दिनों से बंद है. महाप्रभु श्री जगन्नाथ के मंदिर के बंद होने के कारण इससे जुड़े और निर्भर स्थानीय लोगों और रेहड़ी-पटरी वालों की वित्तीय संकटें बढ़ने लगी है. इसे लेकर स्थानीय संगठन, जगन्नाथ सेना ने आज मंदिर को फिर से खोलने की मांग को लेकर श्रीमंदिर के सामने प्रदर्शन किया. संगठन के संयोजक प्रियदर्शी पटनायक ने कहा कि ऐसे समय में जब बड़े पैमाने पर चुनाव प्रक्रिया चल रही है और यहां तक कि बाजार, शराब की दुकानें और अन्य मंदिर भी खुले हैं, श्रीमंदिर को बंद करने का कोई मतलब नहीं है. हम प्रशासन से जल्द से जल्द मंदिर को फिर से खोलने की मांग करते हैं, ताकि भक्तों को अपने प्रिय भगवान जगन्नाथ के दर्शन का मौका मिल सके.
इस दौरान एक भक्त अपने भाई के जनेऊ संस्कार के लिए भगवान को आमंत्रित करने के लिए पुरी आया था. उसने कहा कि मैं निमंत्रण पत्र लेकर आया हूं, क्योंकि अन्य कार्ड बांटने से पहले किसी भी शुभ अवसर पर भगवान श्रीजगन्नाथ को बुलाने की प्रथा है, लेकिन मंदिर बंद होने के कारण हमें बिना रिवाज के समारोह का आयोजन करना होगा, जो सही नहीं है.
इधर, पटनायक ने कहा कि मंदिर बंद होने के कारण सेवायतों और अन्य छोटे रेहड़ी वाले लोग, जो अपनी आजीविका के लिए पर्यटकों पर निर्भर हैं, उनके सामने वित्तीय संकट गहराने लगी है. उन्होंने कहा कि सरकार को उनकी दुर्दशा को देखते हुए विचार करना चाहिए.
एक रेहड़ी-पटरी बेचने वाला ने कहा कि मेरे जैसे बहुत से लोग हैं जो जीविकोपार्जन के लिए पर्यटकों और भक्तों पर निर्भर हैं, लेकिन मंदिर के बंद होने के कारण आर्थिक स्थिति कठिन होती जा रही है. हमारे लिए अपने परिवारों को पालने में संकट का सामना करना पड़ रहा है.