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मतदान करने के लिए पेड लीव के साथ-साथ तीन दिन का सीएल भी मिलेगा
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मतदान से 48 घंटे पहले और एक दिन बाद शराब की बिक्री पर प्रतिबंध
राज्य में 16 से 24 फरवरी तक पांच चरणों में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने के लिए वैधानिक अधिसूचना प्रकाशित हो चुकी है. चुनाव को स्वतंत्र, निष्पक्ष, सुचारू और शांतिपूर्ण बनाने के लिए राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने मतदान से 48 घंटे पहले मतदान के अगले दिन तक शराब की बिक्री और वितरण पर रोक लगा दी है. अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है कि शराब न तो बेची जाए और न ही होटल में परोसी जाए और न ही उस क्षेत्र में वितरित की जाए, जहां मतदान होगा. एसईसी द्वारा निर्धारित अवधि के दौरान मतदान वाले क्षेत्रों में नशीले पदार्थों के परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
एसईसी ने लाइसेंसी आग्नेयास्त्रों या अन्य हथियारों के साथ मतदान केंद्रों में प्रवेश करने या मतदान केंद्रों के पास जाने को प्रतिबंधित कर दिया गया है.
14 फरवरी 2022 की शाम 5 बजे से 1 मार्च 2022 की शाम 5 बजे तक अधिकृत व्यक्तियों को छोड़कर किसी को भी मतदान केंद्रों के पास रहने की अनुमति नहीं होगी. एसईसी के आदेश के अनुसार, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात मतदान अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को छोड़कर कोई भी मतदान केंद्र या मतदान केंद्र क्षेत्र में नहीं रह सकता है.
एसईसी ने राज्य सरकार से पंचायत चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए सभी सरकारी कर्मचारियों, निजी संस्थानों के कर्मचारियों और सरकार द्वारा अनुमोदित संस्थानों के कर्मचारियों के लिए मतदान के दिन को पेड लीव घोषित करने को कहा है.
जिन कर्मचारियों के कार्यस्थल मतदान केंद्रों से दूर हैं, उन्हें अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए तीन दिन का विशेष सीएल मिलेगा.
इसी तरह एसईसी ने राज्य सरकार को मतदान के दिन को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का आदेश दिया है, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न संस्थानों या उद्योगों में काम करने वाले कर्मचारी चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें.
इसके अलावा, एसईसी ने मतदान वाले क्षेत्रों में सरकारी कार्यालयों, निजी कार्यालयों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को मतदान दिवस को अवकाश घोषित करने का निर्देश दिया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी कर्मचारियों को मतदान का अवसर मिले.
एसईसी ने राज्य सरकार को लिखा है कि यदि मतदान वाले क्षेत्रों में न्यायिक अदालतें मौजूद हैं, तो अदालतें भी मतदान के दिन बंद रहेंगी.