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एसईसी को कठपुतली बताया और बीजद सरकार के इसारों पर चलने का लगाया आरोप
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राज्य चुनाव आयोग द्वारा जारी सूची से भाजपा के कई उम्मीदवारों के नाम गायब
भुवनेश्वर. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओडिशा इकाई ने राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि संवैधानिक अधिकार को ‘दंतहीन शरीर’ में बदल दिया गया है. भुवनेश्वर में पार्टी के राज्य मुख्यालय में एक प्रेस को संबोधित करते हुए कल राज्य भाजपा महासचिव लेखश्री सामंतसिंघार ने एसईसी पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह बीजद के नेतृत्व वाली सरकार के हाथों में एक उपकरण बन कर रह गया है. वह सरकार के इशारों पर कार्य कर रहा है. आरोप लगाया गया है कि एसईसी द्वारा तैयार की गई अंतिम मतदाता सूची से उसके कई उम्मीदवारों के ही नाम गायब है. इससे पार्टी के नेताओं में असंतोष व्याप्त है.
भाजपा महासचिव ने कहा कि बताया गया कि जिलास्तरीय अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 18 दिसंबर को किया जाएगा. ऐसा नहीं हुआ. अब काफी देरी के बाद सूचियां जारी की गई हैं. हमें आश्चर्य हुआ कि हमारे कुछ प्रमुख उम्मीदवारों के नाम ही उन सूचियों से गायब हो गए हैं. सामंतसिंघार ने आरोप लगाया कि भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा तैयार की गई मतदाता सूची एसईसी द्वारा प्रकाशित लोगों के साथ मेल नहीं खा रही है. चुनाव आयोग की सूची में शामिल नाम एसईसी की सूची में नहीं पाए जाते हैं. इससे राज्य सरकार के साथ-साथ एसईसी की मंशा को आसानी से समझा जा सकता है. उन्होंने इस तथ्य की ओर भी इशारा किया कि कुछ प्रखंड विकास अधिकारियों (बीडीओ) को उनके गृह नगरों में तैनात किया गया है. अधिकारियों की उनके गृह नगरों में तैनात करना आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है. हमने एसईसी के साथ इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन अभी तक कुछ नहीं किया गया है. इससे पता चलता है कि एसईसी ने खुद को केवल एक दांत रहित शरीर में बदल दिया है.
साथ ही उन्होंने यह बताते हुए कि विजय अमृता कुलंगे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के गृह जिले गंजाम में बीते पांच साल तक और कंधमाल जिले के जिला कलेक्टर डी बृंदा सात साल से जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं, उन्होंने उनके तत्काल स्थानांतरण की मांग की.
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