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जांच रिपोर्ट के साथ अदालत ने कॉल डिटेल रिकॉर्ड उपलब्ध कराने को कहा
कटक. सालीपुर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी (जेएमएफसी) की अदालत ने माहंगा थाने के प्रभारी निरीक्षक (आईआईसी) को सनसनीखेज मांहगा दोहरे हत्याकांड की जांच जल्द से जल्द पूरी करने का निर्देश देते हुए कॉल डिटेल रिकॉर्ड पेश करने को कहा है.
अदालत ने आईआईसी को निर्देश देते हुए कहा है कि जो मामले में जांच अधिकारी (आईओ) हैं, वह कॉल डिटेल रिकॉर्ड अदालत को उपलब्ध कराएं, ताकि यह सुनिश्चित हो कि आरोपी का सीडीआर (कॉल डिटेल रिकॉर्ड) संरक्षित है और मामले की निष्पक्ष सुनवाई होगी. सीडीआर जांच रिपोर्ट जमा करते समय ही उपलब्ध कराएं.
अदालत ने 15 जनवरी को पारित अपने आदेश में कहा कि जांच अधिकारी को फिर से मामले की तेजी से आगे की जांच करने और धारा 173 (8) सीआरपीसी के अनुसार आगे की जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द जमा करने का निर्देश दिया जाता है. अदालत ने हालांकि, जांच अधिकारी द्वारा 11 जनवरी, 2022 को दायर एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें दो आरोपियों भिखारी स्वाईं और क्षितीश कुमार आचार्य की पूछताछ के लिए रिमांड की मांग की गई थी. ये दोहरा हत्याकांड के सिलसिले में सालीपुर उप-जेल में न्यायिक हिरासत में हैं. अदालत ने कहा कि दोनों आरोपियों को प्रारंभिक आरोपपत्र में नामजद किया गया है और मामला पहले ही अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) की अदालत में जा चुका है.
अदालत ने कहा कि आरोपी व्यक्तियों को अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश, सालीपुर के समक्ष सुनवाई के लिए प्रतिबद्ध किया गया है और वर्तमान में इस अदालत की हिरासत में नहीं हैं. इसलिए जांच अधिकारी की प्रार्थना खारिज की जाती है. साथ ही जांच अधिकारी को उचित मंच के समक्ष प्रार्थना दाखिल करने का निर्देश दिया गया है.
रमाकांत बराल के वकील प्रबीन कानूनगो ने कहा कि रमाकांत बराल ने अदालत से प्रार्थना की थी कि जांच अधिकारी को उसके सामने इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य यानी सीडीआर जमा करने का निर्देश दिया जाए. हालांकि, अदालत ने याचिका को खारिज कर दिया. अदालत ने कहा कि जांच आईओ का विशेषाधिकार है. जांच पूरी होने के बाद वह अदालत के समक्ष उनकी रिपोर्ट जमा करेगा.