बेहरा ने बताया कि महिला और उसके पति की शिकायत के आधार पर कोरापुट पुलिस ने मामले की जांच के लिए महिला और सदर पुलिस स्टेशन के आईआईसी से मिलकर एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था. एसडीपीओ मामले में जांच अधिकारी (आईओ) थे, जिसकी निगरानी सीधे एसपी और अतिरिक्त एसपी करते थे.
सदर थाने के आईआईसी के तहत एक टीम अन्य राज्यों में आरोपियों के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर रही थी. टीम उन आरोपियों का पीछा कर रही थी, जो दिल्ली चले गए थे, वहां से उन्होंने बिहार की यात्रा की और आखिरकार ओडिशा में उन्हें पकड़ लिया गया.
बेहरा ने बताया कि मुख्य आरोपी दारजी हिस्ट्रीशीटर है और उसके खिलाफ विभिन्न थानों में करीब 14 मामले दर्ज हैं. पिछले साल 24 दिसंबर की आधी रात के आसपास दोनों आरोपी रेप पीड़िता के घर के पिछवाड़े से घुसे थे. उस समय पीड़िता और उसका पति तथा बेटा गहरी नींद में सो रहे थे.
बंदूक की नोंक पर उसे और उसके बेटे को बंधक बनाने से पहले उन्होंने उसके पति की पिटाई की. एक आरोपी ने उसके पति और बेटे को बंदूक की नोंक पर बंधक बना लिया, जबकि दूसरे आरोपी ने उसके साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद बारी-बारी से महिला से दुष्कर्म किया गया.
दंपति ने ग्रामीणों को अपनी आपबीती की जानकारी दी और उनकी मदद से 26 दिसंबर को जयपुर महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई.
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