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ओडिशा में ओमिक्रॉन की कम रिकवरी दर चिंता का विषय

  •  24 दिन में मात्र आठ मरीज हुए स्वस्थ

भुवनेश्वर. ओमिक्रॉन संस्करण से संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने की कम दर को लेकर एक अध्ययन में चिंता जतायी गयी है. इस अध्ययन में देखा गया है कि 24 दिनों के दौरान मात्र आठ मरीज स्वस्थ हुए हैं. यह अध्ययन मेडरक्सिव की ओर से किये गये थे. इसमें पाया गया कि ओमिक्रॉन संक्रमण के मामले में वायरल लोड 5.35 दिनों में दूर हो जाता है, जबकि डेल्टा के मामले में 6.23 दिनों वायरल लोड कम होता है, लेकिन ओडिशा में ऐसी स्थिति नजर नहीं आ रही है. अध्ययन के अनुसार, ओडिशा में 21 दिसंबर, 2021 को पहले ओमिक्रॉन मामले का पता लगा था. तब से 24 दिनों की अवधि में केवल आठ ही संक्रमित हुए हैं. ठीक होने वालों की संख्या बहुत ही कम है. अध्ययन में कहा गया है कि राज्य में 7 दिनों में ओमिक्रॉन के 14 मामलों का पता लगा था, लेकिन 13 जनवरी तक रिकवरी केवल 8 थी. साथ यह भी पता चला है कि आक्रामक संस्करण ओमिक्रॉन के अधिकांश मामलों में पांच दिनों में ही पाजिटिव होने के पता चला था. यहां केवल लगभग 13 प्रतिशत ने 7 दिन में पोस्ट-डिटेक्शन के बाद पाजिटिव होने का पता चला. उपरोक्त अध्ययन के परिणाम रेखांकित करते हैं कि ओडिशा में ओमिक्रॉन संक्रमण के मामलों में ठीक होने की दर कम है. आंकड़ों के अनुसार, 13 जनवरी, 2022 तक ओडिशा में ठीक होने की दर 4 जनवरी की दर 11 प्रतिशत से गिरकर लगभग 5 प्रतिशत (4.7%) हो गई थी. राज्य में ठीक होने वाले रोगियों की संख्या मात्र 8 थी.
उल्लेखनीय है कि ओडिशा में शनिवार को ओमिक्रॉन से संक्रमितों की कुल संख्या 202 तक पहुंच गयी. शनिवार को और 32 रोगियों को ओमिक्रॉन से संक्रमित होने की पुष्टि हुई थी. राज्य में 10 जनवरी और उसके आसपास 250 नमूनों को एकत्रित किया गया था और आईएलएस, भुवनेश्वर में पूरे जीनोम अनुक्रमण (डब्ल्यूएसजी) के लिए भेजा गया था. इनमें से 42 डब्ल्यूजीएस के परिणाम कल जारी किए गए, जिनमें से 32 ओमिक्रॉन से संक्रमित पाए गए. हालांकि यह आंकड़ा निर्धारित अनुक्रमण दर 76 प्रतिशत से अधिक है. 1 दिसंबर से कुल डब्लूजीएस दर लगभग 24 प्रतिशत रही थी. राज्य में दिसंबर, 2021 से आईएलएस-भुवनेश्वर को डब्ल्यूजीएस के लिए कुल लगभग 827 नमूने भेजे थे. इनमें कुल 201 को ओमिक्रॉन से संक्रमित पाया गया.
उपरोक्त डेटा पर एक नज़र से पता चलता है कि कल की तारीख तक डब्ल्यूजीएस डेटा के अनुसार ओमिक्रॉन अभी तक ओडिशा में प्रमुख संस्करण के रूप में उभर कर सामने नहीं आया है. हालांकि राष्ट्रीय परिदृश्य पूरी तरह से अलग है.

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