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हाल ही में रक्तदान शिविर में रक्तदान करने के बाद युवक के एचआईवी पाजटिव होने की बात चली थी पता
भुवनेश्वर. पति-पत्नि का संपर्क सात जनमों का होता है. सुख-दुःख, मीठी-तीखी नोक-झोंक हर किसी का दोनों मिलकर सामना करने के लिए अग्नि को साक्षी मानकर दोनों शपथ लेते हैं. हालांकि पति के ऊपर विपदा आते ही पत्नि ने पति को अकेला छोड़ दिया है. बच्चों को लेकर पत्नि अपने पिता के घर चली गई है और पति अकेले अपनी बीमारी से संघर्ष कर रहा है. यह घटना ओडिशा के भद्रक जिले के बंत ब्लाक तोतंग गांव में देखने को मिली है.
तोतंग पंचायत के एक युवक की तीन साल पहले शादी हुई थी. उसकी एक बेटी भी है. वह अपने परिवार में हंसी खुशी जीवन यापन कर रहा था. अपने माता-पिता एवं पत्नि व बच्ची के साथ वह हंसीखुशी जीवन यापन कर रहा था. कुछ दिन पहले एक रक्तदान शिविर में युवक ने रक्तदान किया था. यहां पर वह एचआईवी पाजिटिव होने की बात पता चली. यह बात युवक ने अपने घर तथा पत्नि को बताया. इसके बाद परिवार में कलह आरंभ हो गई और आज उसकी पत्नि अपने बच्ची को साथ लेकर पति को छोड़ मायके चली गई है.
युवक के मुताबिक एचआईवी पाजिटिव होने की बात जानने के बाद पत्नि ने कहा कि वह मेरे साथ नहीं रहेगी. परिवार के लोग एवं आस-पास के लोगों ने जितना भी समझाया वह अपनी जिद पर अडिग रही. यहां तक कि पति के खिलाफ कानून का सहारा भी लिया. अंत में पुलिस एवं गांव के लोगों की उपस्थिति में दोनों के बीच हुए समझौते के तहत पत्नि ने अपने मायके से जो सामान लायी थी उसे लेकर वह अपने पिता के घर चली गई.
हालांकि इस घटना के बाद पति के घर के लोगों द्वारा लगाए गए सभी आरोंपों का पत्नि ने खंडन किया है. इस संदर्भ में महिला ने कहा है कि मेरे पति एचआईवी से पीड़ित होने के बाद ससुर घर के लोग मुझे प्रताड़ित कर रहे थे. इससे मजबूर होकर मैं पिता के घर आ गयी हू. मुझे भरण-पोषण के लिए पति के घर से मिलना चाहिए.
वहीं दूसरी तरफ तीन साल तक एक साथ रहने वाला युवक, पत्नि एवं बच्चे के बिना टूट गया है. बेटे की ऐसी अवस्था देखकर उसके माता-पिता दुखित हैं और फिर बहु एवं नातिन को घर वापस आने की आस लगाए बैठे हैं.