-
हमारे हिंदू संस्कृति के सन्यासियों के बीच गौरव हैं आचार्य स्वामी प्रणवानंद जी महाराज: स्वामी ओंकारानंद सरस्वती
भुवनेश्वर. हिमाचल प्रदेश शिमला हिल्स से श्री जगन्नाथ धाम पुरी पहुंचे अंतर राष्ट्रीय वैदिक प्रवक्ता इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर ट्रुथ कॉन्शसनेस के संस्थापक एवं इंटरनेशनल मोटिवेशनल स्पीकर ऑफ वैदिक विजन स्वामी ओंकारानंद सरस्वती जी महाराज ने पुरी स्वर्गद्वार के निकट स्थित भारत सेवाश्रम संघ पहुंचे. यहां पर पौष मास शुक्ल एकादशी के दिन भारत सेवाश्रम संघ के संस्थापक हिंदू संस्कृति के सन्यासियों में श्रेष्ठ सन्यासी आचार्य स्वामी परमानंद जी की पुण्यतिथि प्रतिवर्ष मनायी जाती है. भारत सेवाश्रम संघ पुरी ब्रांच के सचिव एवं संचालक स्वामी समिधानंद जी महाराज अपने गुरु आचार्य स्वामी प्रणवानंद जी के प्रति काफी श्रद्धा एवं समर्पित भावना से इस आश्रम में सेवा दे रहे हैं.
मुख्य अतिथि के रूप में निमंत्रित स्वामी ओंकारानंद सरस्वती शिमला हिल्स हिमाचल प्रदेश संचालक एवं सचिव स्वामी समिधानंद जी महाराज को शॉल भेंट कर सम्मानित किया. अपने सत्संग वार्ता में उन्होंने कहा कि गुरुदेव आचार्य स्वामी प्रणवानंद जी महाराज हमारे हिंदू संस्कृति के सन्यासियों के बीच गौरव हैं. गुरुजी ने हिंदू संस्कृति की रक्षा एवं उत्थान हेतु अपना पूर्ण जीवन समर्पित किया. स्वामी प्रणवानंद जी की गणना 19वीं सदी के महान समाज सुधारकों के अंतर्गत की जाती है. आचार्य स्वामी प्रणवानंद जी ने हिंदुओं को संगठित कर शक्तिशाली और समर्थ बनाने का प्रयास किया. वे सर्व धर्म समभाव रखते थे एवं किसी धर्म के खिलाफ नहीं थे. उनका मानना था की मिलन होता है सबल का सबल से दुर्बल से नहीं. स्वामी प्रणवानंद जी ने हिंदू संस्कृति को मजबूत करने के लिए गांव गांव में हिंदू मिलन मंदिर की स्थापना की एवं 500000 रक्षा दल तैयार भी कर लिया. हिंदू संस्कृति के महान प्रचारक एवं समाज सुधारक थे आचार्य स्वामी प्रणवानंद जी.
इस कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र ब्रांच भारत सेवाश्रम संघ के संचालक एवं सचिव स्वामी तारानंद जी के साथ-साथ भारत सेवाश्रम संघ पुरी ब्रांच में सेवा दे रहे अन्य सन्यासी एवं कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे. संचालक एवं सचिव स्वामी समिधानंद जी कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी ओंकारानंद सरस्वती का यहां पधारने पर धन्यवाद दिया.