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पुरी जगन्नाथ मंदिर के 60 वर्ष से अधिक उम्र के सेवायतों को दिया जा रहा है बूस्टर डोज

पुरी. कोरोना महामारी की तीसरी लहर के कारण बढ़ रहे संक्रमण को ध्यान में पुरी जगन्नाथ मंदिर के कपाट को 10 से 31 जनवरी तक भक्तों के लिए बंद कर दिया गया है. ऐसे में अब भगवान जगन्नाथ मंदिर के सेवादारों, जिनकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है, को एहतियाती या बूस्टर खुराक देने का अभियान शुक्रवार से पुरी में शुरू हुआ है.
तीर्थ नगरी नीलाचल भक्त निवास में बनाए गए कोविद देखभाल केंद्र में पात्र सेवकों को बूस्टर डोज दिया जा रहा है. केंद्र प्रतिदिन सुबह नौ बजे से दोपहर एक बजे तक और दोपहर तीन बजे से शाम पांच बजे तक छह घंटे खुला रहेगा. केंद्र में टीकाकरण करने के लिए दो डॉक्टरों और दो नर्सों के साथ एक विशेष चिकित्सा टीम को सेवा में लगाया गया है. इस बीच, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने सभी योग्य सेवायतों को कोविद गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए बूस्टर डोज लगाने का सलाह दिया है. मंदिर प्रशासक (विकास) अजय कुमार जेना ने कहा कि चूंकि मंदिर के सेवायत देवताओं के दैनिक अनुष्ठानों में लगे हुए हैं, ऐसे में जगन्नाथ मंदिर प्रशासन ने राज्य सरकार को एक पत्र लिखकर मंदिर में लगे सभी सेवायतों को बुस्टर डोज लगाने को अनुरोध किया था.
चूंकि दूसरी खुराक की तारीख से नौ महीने का अंतराल 60 से अधिक लाभार्थियों के लिए बूस्टर डोज प्राप्त करने के लिए अनिवार्य है. जेना ने कहा कि ऐसे पात्र सेवायतों की संख्या काफी कम है. पुरी जगन्नाथ मंदिर प्रबंध समिति के सदस्य और वरिष्ठ सेवक माधव चंद्र महापात्र ने कहा कि निर्णय से सेवादारों को अवगत कराने के लिए अधिसूचना को हमारे सोशल मीडिया में जारी किया गया है. हालांकि इसमें दुसरा डोज लेने के 9 महीने बाद ही बूस्टर डोज का टीका लगने की बात का उल्लेख नहीं किया गया है. एक सेवायत उदय शंकर प्रतिहारी ने कहा कि बूस्टर खुराक पाने के मानदंडों को लेकर सेवायतों में भ्रम है. हालांकि, मंदिर प्रशासन और सेवायत निजोग को टीकाकरण अभियान के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए.
इस बीच, पुरी जगन्नाथ मंदिर के कपाट को 10 जनवरी से जनता के लिए बंद कर दिये गये हैं. राज्य में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों और मंदिर में कुछ मामलों का पता लगाने के मद्देनजर मंदिर को 31 जनवरी तक बंद किया गया है. हालांकि, देवताओं के दैनिक अनुष्ठान सेवकों द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार किए जा रहे हैं.

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