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उम्मीदवार अधिकतम पांच व्यक्तियों के साथ या डिजिटल, वर्चुअल मोड के माध्यम से कर सकते हैं प्रचार
भुवनेश्वर. ओडिशा में कोरोना के संक्रमण की रफ्तार को देखते हुए राज्य के चुनाव आयुक्त आदित्य प्रसाद पाढ़ी ने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान किसी भी रैलियों या सभाओं की अनुमति नहीं होगी. उम्मीदवार अधिकतम पांच व्यक्तियों के साथ या डिजिटल, वर्चुअल मोड के माध्यम से (डोर-टू-डोर) प्रचार कर सकते हैं. मतदान के दिन से 36 घंटे पहले प्रचार की अवधि समाप्त होगी. पाढ़ी ने मंगलवार को कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की सभा की अनुमति नहीं है. रोड शो, साइकिल रैली, पदयात्रा या सार्वजनिक सभाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. केवल डोर-टू-डोर या वर्चुअल प्रचार की अनुमति है. राज्यभर में पांच चरणों में 91,913 वार्ड सदस्यों, 6,794 सरपंचों, 6,793 पंचायत समिति सदस्यों और 853 जिला परिषद सदस्यों को चुनने के लिए कुल 2,79,35,520 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
पाढ़ी ने आठ जनवरी को मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्र, विशेष राहत आयुक्त प्रदीप कुमार जेना, एसीएस स्वास्थ्य राज कुमार शर्मा और अन्य अधिकारियों के साथ आगामी पंचायत चुनाव से पहले राज्य में वर्तमान कोविद-19 स्थिति पर एक उच्च स्तरीय बैठक की थी. महामारी के बीच चुनाव कराने की व्यवहार्यता की जांच के लिए ओडिशा के डीजीपी के साथ एक और बैठक की गई.
इधर, राज्य में कोरोना के संक्रमण की उग्र रफ्तार को देखते हुए प्रमुख विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग द्वारा बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को कम से कम तीन महीने के लिए टालने की मांग की थी. भाजपा और कांग्रेस के प्रितिनिधियों ने दलील दी थी कि राज्य में कोरोना का संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है. ऐसी स्थिति में जनजीवन को बचाये रखने के लिए चुनाव को टाल देना चाहिए. साथ ही विपक्षी ने आरक्षण के मुद्दे को भी उठाया था.