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कोरोना के कारण मतदान तीन महीने स्थगित करने की मांग
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उच्चस्तरीय बैठक के दौरान राज्य चुनाव आयोग के समक्ष विपक्षी दलों ने अपनी मांगों को रखा
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हाईकोर्ट में पहुंचा मामला, त्रिस्तरीय चुनाव स्थगित करने को लेकर जनहित याचिका दायर
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राज्य चुनाव आयोग जारी करेगा दिशानिर्देश, कोरोना नियमों का सख्ती से होगा पालन
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राज्य चुनाव आयोग की सर्वदलीय बैठक आयोजित
भुवनेश्वर. ओडिशा में पंचायत चुनावों से पहले ही राजनीति अब गरमा गयी है. कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के बीच मतदान कराने के खिलाफ राज्य में विपक्ष लामबंद हो गया तथा मामला हाईकोर्ट में भी पहुंच गया है. भाजपा और कांग्रेस सहित प्रमुख राजनीतिक दल राज्य में मौजूदा कोविद-19 स्थिति को देखते हुए चुनाव स्थगित करने की मांग कर रहे हैं.
विपक्ष तीन कारणों का हवाला देते हुए कम से कम तीन महीने के लिए चुनाव स्थगित करने की मांग कर रहा है. इनमें पहला है कोविद की तीसरी लहर है. इसके अलावा दो अन्य कारण एसटी और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए आरक्षण है.
सोमवार को हुई एक उच्चस्तरीय बैठक के दौरान राज्य चुनाव आयोग के समक्ष विपक्षी दलों ने अपनी मांगों को रखा. विपक्ष की मांग के बीच राज्य चुनाव आयुक्त आदित्य प्रसाद पाढ़ी ने कहा कि राज्यभर में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से आगामी पंचायत चुनाव कैसे किए जा सकते हैं, इस पर जल्द से जल्द विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने अपने विचार व्यक्त किए कि वर्तमान कोविद-19 स्थिति के तहत चुनाव हो सकते हैं या नहीं. आयोग ने कुछ राज्यों में चुनाव कराने के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा हाल ही में जारी दिशा-निर्देशों के आधार पर दिशानिर्देश जारी करने का निर्णय लिया है.
पाढ़ी ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग का फोकस कोविद प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करते हुए स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से पंचायत चुनाव कराने पर होगा.
भाजपा के वरिष्ठ नेता मोहन मांझी ने कहा कि राज्य चुनाव आयोग की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में हमने (भाजपा) ओबीसी आरक्षण समेत नौ मांगें रखीं. चूंकि विशेषज्ञ पहले ही कह चुके हैं कि आने वाले दिनों में कोविद की तीसरी लहर चरम पर होने की संभावना है, इसलिए हमने कम से कम दो-तीन महीने के लिए चुनाव स्थगित करने की मांग की.
मांझी ने कहा कि भाजपा का मानना है कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से हो सकते हैं और लोगों के जीवन की रक्षा तभी की जा सकती है जब चुनाव कोविद-19 की तीसरी लहर के बाद और आरक्षण से संबंधित मांगों को पूरा करने के बाद हों.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गणेश्वर बेहरा ने कहा कि बीजद के अलावा, अन्य सभी दलों का मानना है कि कोविद-19 मामलों में तेजी से वृद्धि की वर्तमान परिस्थितियों में चुनाव संभव नहीं है. हमने तीन महीने के लिए चुनाव स्थगित करने की मांग की. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आयोग ने हमारी दलीलों पर कोई ध्यान नहीं दिया.
बेहरा ने आगे कहा कि उनकी पार्टी ने यह भी कहा था कि आदिवासी और अन्य पिछड़ा वर्ग पर्याप्त आरक्षण से वंचित हैं और राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि उन्हें न्याय दिए बिना चुनाव कराना उचित नहीं होगा.
वहीं बीजद के वरिष्ठ नेता अमर पटनायक ने कहा कि राज्य भर के सभी ग्रामीण निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल मार्च में समाप्त हो जाएगा. बीजद चाहती है कि मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने के संवैधानिक अधिकार से वंचित न किया जाए और चुनाव समय पर हो. हमने कोविद-19 प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू करते हुए चुनाव कराने में चुनाव आयोग को अपना समर्थन देने का आश्वासन दिया है.
इधर, ओडिशा उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है. इसमें राज्य में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव को स्थगित करने की मांग की गई है. जनहित याचिका भारतीय विकास परिषद के गंजाम जिला अध्यक्ष गुरुदेव बेहरा और जगतसिंहपुर जिला अध्यक्ष सुब्रत दास ने दायर की है. भारतीय विकास परिषद ने अपनी याचिका में कहा है कि आगामी चुनावों में ओबीसी आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं किया गया है. इसी तरह, जैसे-जैसे कोविद-19 मामले बढ़ रहे हैं, इस बात को लेकर अनिश्चितता है कि ऐसे समय में चुनाव कैसे कराए जा सकते हैं. आने वाले दिनों में तीसरी लहर अपने चरम पर पहुंचने की संभावना है.