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स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने जतायी संभावना, कहा- मौजूदा हालात में लॉकडाउन और शटडाउन की आवश्यकता नहीं
भुवनेश्वर. ओमिक्रॉन मामलों के साथ-साथ कोविद-19 के आक्रमण रुख को लेकर बढ़ती चिंता के बीच ओडिशा में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य में 25 जनवरी तक तीसरी लहर चरम पर पहुंच जाएगी. ओडिशा में शनिवार को ओमिक्रॉन के 14 नए मामले पाये गये थे. इसके साथ ही राज्य में शनिवार तक ओमिक्रॉन के कुल मामले 75 हो गये थे. इसके साथ-साथ कोरोना का संक्रमण का भी काफी तेजी से फैल रहा है. राज्य में रविवार को 4714 नये मामले सामने आये हैं. इसमें से 18 साल से कम आयु के वर्ग के 416 बच्चे हैं. इसके साथ राज्य में कुल मामलों की संख्या बढ़कर 10 लाख 70 हजार 869 हो गई है. स्वस्थ हुए मरीजों की संख्या बढ़कर 10 लाख 46 हजार 231 हो गई है तथा सक्रिय मामलों की संख्या 16 हजार 117 तक पहुंच गयी है.
ओमिक्रॉन के साथ-साथ कोरोना का डेल्टा और अन्य संस्करणों के संक्रमण में खुर्दा रेड जोन में है. सुंदरगढ़ येलो ज़ोन में है. इसके आसपास संबलपुर और कटक जिले भी हैं.
इस बीच राज्य स्वास्थ्य सेवा निदेशक डॉ विजय महापात्र ने कहा कि वर्तमान स्थिति कुछ और दिनों तक जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि यदि हम वर्तमान प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हैं, तो देश के साथ-साथ हमारे राज्य में भी मामलों की संख्या बढ़ रही है. यह कहना जल्दबाजी होगी कि ग्राफ कब नीचे का रुख दिखाएगा. यदि उपलब्ध आंकड़ों को ध्यान में रखा जाता है, तो हमें उम्मीद करनी चाहिए कि स्थिति कुछ और दिनों तक जारी रहेगी.
एक अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ नीरज मिश्र के मुताबिक, तीसरी लहर 25 जनवरी तक शिखर पर पहुंच जाएगा. दिल्ली और मुंबई में कहा जाता है कि यह 15/16 जनवरी तक शिखर पर होगा. ओडिशा में यह 25 जनवरी के आसपास होने की उम्मीद है. हालांकि, मुझे लगता है कि वर्तमान स्थिति में लॉकडाउन और शटडाउन लगाने की आवश्यकता नहीं है.
इधर, राजधानी भुवनेश्वर कोरोना संक्रमण का हॉटस्पॉट बन गया है. भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रयास जारी रखा है. लगातार कांटेन्मेंट जोन घोषित किये जा रहे हैं. साथ ही बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (बीपीआईए) पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है.
बीपीआईए के निदेशक, प्रभात रंजन बेउरिया ने कहा कि पिछले हफ्ते, हवाई अड्डे पर यात्रियों की संख्या लगभग 12,000 थी. यह घटकर 7,000 से 8,000 हो गया है. संख्या में गिरावट यह बताती है कि लोग इस महामारी के समय में उड़ान भरने के लिए तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि उड़ान भरने से पहले यहां हवाई अड्डे पर आरटी-पीसीआर जांच की सुविधाएं उपलब्ध हैं और अगर उनके पास बोर्डिंग से 72 घंटे पहले की रिपोर्ट है, तो उन्हें परीक्षण के लिए जरूरत नहीं है.