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कहा-राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के पक्ष में तैयार किया जाना चाहिए पाठ्यक्रम
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बिड़ला स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन का संचार डिजाइन और प्रौद्योगिकी पर एफडीपी का आयोजन
भुवनेश्वर. बिड़ला स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन, बिड़ला ग्लोबल यूनिवर्सिटी, भुवनेश्वर ने अपने संकायों, शोधार्थियों और मीडिया पेशेवरों के लिए एक सप्ताह के संकाय विकास कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम का उद्घाटन प्रो पीपी माथुर, बिड़ला ग्लोबल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो ने किया. इस अवसर पर बेनेट यूनिवर्सिटी के टाइम्स स्कूल ऑफ मीडिया के विभागाध्यक्ष सुनील सक्सेना मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद थे.
अपने संबोधन में प्रो सक्सेना ने कहा कि पत्रकारिता और जनसंचार शिक्षा नई तकनीकों और व्यावसायिक प्रशिक्षण के दृष्टिकोण के प्रभाव के कारण विकसित हुई है. इसलिए मीडिया शिक्षकों के रूप में हमारे लिए यह प्रासंगिक है कि हम छात्रों को ऐसे कौशल-सेट विकसित करने के लिए प्रशिक्षित करें जो उन्हें कहानी को तकनीक के साथ मिलाने में मदद कर सकें. यह मीडिया उद्योग की जरूरतों को पूरा करने में सहायक होगा. उनका यह भी मानना था कि मीडिया लोगों का विश्वास खो रही है, जो कि बहुत चिंता का विषय है.
प्रो माथुर ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि वर्तमान मीडिया शिक्षा अधिक से अधिक उद्योग और कौशल उन्मुख होनी चाहिए और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के पक्ष में पाठ्यक्रम तैयार किया जाना चाहिए.
बिड़ला ग्लोबल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ बीके दास ने कहा कि पत्रकार की भूमिका बेहद चुनौतीपूर्ण होती है. पत्रकार हमें सूचित करके और दुनिया के बाकी हिस्सों से जुड़े रहने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन अपना काम करने के दौरान पत्रकारों की जान को भी खतरा है.
बिड़ला स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन के डीन प्रो जेएस गिरी राव ने गणमान्य व्यक्तियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया. संकाय विकास कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रो राव ने कहा कि यह प्रतिभागियों को उनके शिक्षण अध्यापन और अनुसंधान ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा.
एफडीपी के लिए भारत और विदेश के चालीस प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया. डॉ. सतनाम सिंह और डॉ. ज्ञानरंजन ने संकाय विकास कार्यक्रम का समन्वयन किया. 12 जनवरी को इस कार्यक्रम का समापन होगा.