डा एलएन अग्रवाल, राउरकेला
हजारों करोड़ों के जीएसटी फर्जीवाड़ा में गिरफ्तार नारायण खेतान, दीनदयाल अग्रवाल, सुभाष स्वाईं एवं अमित बेरीवाल व अन्य सभी के तार बैंकों के अंदर कैस हैंडलर व मैनेजरों से परोक्ष व अपरोक्ष रूप से जुड़े हैं। दैनिक भास्कर ने पहले ही इस विषय मे अग्रिम लेख प्रकाशित किया था। अमित बेरीवाल व सुभाष स्वाईं से ओजीएसटी जांच टीम के द्वारा जेल में दो दिन की गहन पूछताछ की गई। सुभाष का अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में खाता है। यहीं से इस मामले की जांच शुरू होने से बैंक कर्मियों के भी रडार में आने की संभावना है। विशेष पूछताछ में अमित बेरीवाल से कोई सुराग हाथ नहीं लगने से उससे दोबारा पूछताछ करने के साथ आडियो- वीडियो रिकार्ड किया जाएगा। वहीं सुभाष से कई सुराग हाथ लगे हैं व सुभाष बैंक से सीधे रूप से जुड़ा है। बैंक में फर्जी खाता खोलने में बैंक के कुछ निदेशक व अधिकारी भी संलिप्त हैं। बैंक में खाताधारकों की अनुपस्थिति में खाता खोलने एवं करोड़ों का लेनदेन होने की जांच किए जाने की चर्चा भी जोरों पर है। अमित बेरीवाल सोची समझी रणनीति के तहत तबीयत ज्यादा खराब होने का हवाला देकर जांच में सहयोग ही नहीं कर रहे हैं। इसलिए ओजीएसटी की टीम अदालत से अनुमति लेकर एक दो दिनों के भीतर उससे दोबारा पूछताछ करेगी व कुछ और खंगालने का भरसक प्रयास करेगी। उल्लेखनीय है कि इस संबंध में जानकारी मिलने के बाद ओजीएसटी विभाग की ओर से विगत 10-11 जनवरी को एक साथ कई दर्जनों से अधिक संस्थानों व ठीकानों पर लगातार छापेमारी की गई थी। इस कार्रवाई में करोड़ों के फर्जी इनवायस व बिल का प्रयोग किए जाने का खुलासा हुआ था। इस मामले में मास्टर माइंड सुभाष स्वाईं, अमित बेरीवाल,अमित बेरीवाल के रिश्तेदार रौनक बेरीवाल, बसंत कुमार पटनायक का नाम सामने आने के बाद अमित और सुभाष को गिरफ्तार किया गया था। बसंत व रौनक फरार होने में सफल हो गये थे और बाहर रहकर जमानत लेने का प्रयास कर रहे हैं। चारों आरोपितों का अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, आइडीबीआई बैंक सहित विभिन्न बैंकों में कुल 29 एकाउंट हैं, इनमें से केवल अकेले राउरकेला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में ही 19 एकाउंट होने का पता चला है व कई और होने की प्रबल सम्भावना भी है। इसमें आरोपितों के वास्तविक हस्ताक्षर सहित ओपनिंग एकाउंट में हस्ताक्षर असली या नकली हैं, हस्ताक्षर एक्सपर्ट से मदद लेकर जांच करने समेत खाताधारकों के बैंक आने-जाने की पड़ताल सीसीटीवी फुटेज के जरिये की जाएगी तभी तसवीरें साफ होने की सम्भावना है।