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जलकृषकों के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

भुवनेश्वर. केन्द्रीय मीठाजल जीवपालन संस्थान (सीफा), भुवनेश्वर ने पूर्वोत्तर पहाड़ी क्षेत्र में किसानों तक जलकृषि और कृषि से संबंधित प्रौद्योगिकियों को पहुचाने के लिए संस्थान को आवंटित निधि के तहत विस्तार शिक्षा निदेशालय, पशु चिकित्सा महाविद्यालय परिसर, खानापारा, गुवाहाटी, असम के सम्मेलन हॉल में “मोती की खेती”, “तालाब जल गुणवत्ता प्रबंधन” और “मत्स्य आहार के उचित प्रयोग” विषय पर एक दिवसीय हैंड होल्डिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया. प्रशिक्षण के आयोजन का समन्वय विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित एआरआईएएस सोसाइटी की एपीएआरटी परियोजना द्वारा, मत्स्य विभाग, असम सरकार और विस्तार शिक्षा निदेशालय, असम कृषि विश्वविद्यालय, खानापारा के सहयोग से किया गया.
प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य एआरआईएएस सोसाइटी के मार्गदर्शन में गठित चयनित दस किसान उत्पादक कंपनियों (एफपीसी) के 30 से अधिक प्रतिनिधियों को उपरोक्त विषय पर प्रशिक्षण देना था. जिसमें एफपीसी के अध्यक्ष, निदेशक मंडल, सीईओ और उससे सम्बद्ध जलकृषकों ने भाग लिया.
डॉ. सरोज कुमार स्वाईं, निदेशक, सीफा ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया और अन्य जलजीवों के पालन के साथ मोती की खेती करने के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने ने बताया कि विभिन्न कार्प किस्मों के साथ मोती की खेती की जा सकती है, जिससे एक ही तालाब से अधिक लाभ प्राप्त होगा. उन्होंने सभी दस एफपीसी को जल परीक्षण किट भी वितरित किए. जल परीक्षण किट के माध्यम से जलकृषक अपने तालाबों में पीएच, अमोनिया, नाइट्रेट, नाइट्राइट, घुलित ऑक्सीजन, क्षारीयता और कठोरता जैसे विभिन्न जल गुणवत्ता मानकों की जांच कर सकते हैं. इससे जलकृषकों को अपने तालाब की पानी की गुणवत्ता बनाए रखने में मदद मिलेगा जो कि जलकृषि की सफलता की कुंजी है.
डॉ शैलेश सौरभ, वरिष्ठ वैज्ञानिक, भाकृअनुप-सीफा ने मोती की खेती के बारे में सभी जैविक प्रक्रियाओं सहित अन्य तकनीकों के विवरणों को बताया. सीफा के लिए पूर्वोत्तर पहाड़ी क्षेत्र के लिए नोडल प्रधान वैज्ञानिक, डॉ पीपी चक्रवर्ती ने बताया कि सफल जलकृषि में पानी की गुणवत्ता को कैसे बनाए रखा जाए. उन्होंने किसानों के साथ विस्तृत बातचीत की. डॉ के. सी. दास, पोषण विशेषज्ञ, सीफा, भुवनेश्वर ने मछली के आहार के महत्व और मछली के पोषण की बुनियादी आवश्यकता पर प्रकाश डाला.
सीफा के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी आईबी कुमार ने सीफा को अपने पूर्वोत्तर पहाड़ी क्षेत्र के लिए निर्धारित कार्यक्रमों को सुगमता से सम्पन्न करने में हरसंभव सहयोग देने के लिए डॉ संजय शर्मा, मत्स्य समन्वयक, एपीएआरटी, डॉ ध्रुबज्योति शर्मा, एमडी फिशफेड सह नोडल अधिकारी, एपीएआरटी, डॉ अतुल बोरगोहेन, एसोसिएट डायरेक्टर ऑफ एक्सटेंशन एजुकेशन (वेटी), एआरआईएएस सोसाइटी के प्रबीन भराली और एनजीओ की अध्यक्ष डॉ रंजीता बनिया तथा अन्य प्रतिनिधि को धन्यवाद दिया और निमंत्रित किया कि ये संस्थाएं सीफा के साथ और भी बड़े स्तर पर सहयोग कर पूर्वोत्तर पहाड़ी क्षेत्र के किसानों की आय को द्विगुणित करने का कार्य करें.

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