साभार-डा एलएन अग्रवाल
राउरकेला। जीएसटी घोटाला की जांच के लिए लगातार किए गए छापे में अब एक और उपलब्धि सरकार के हाथ लगी है। इसमें हजारों करोड़ की फर्जी बिल का काम करने वाले प्रकाश दधीचि उर्फ सोनू दधीचि को अन्ततः रायपुर में गिरफ्तार कर लिया गया है। राजगांगपुर स्थित उसके निवास में कुछ दिन पहले ही ओडिशा व छत्तीसगढ़ की टीम द्वारा जोरदार दबिश दी गई थी, जिसमें दधीचि आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड सहित कई फर्जी कंपनियों का भी खाका खुला था। साइकिल मरम्मत दुकान से कई सौ करोड़ के साम्राज्य का सफर काफी रोमांचक रहा। आरोप है कि इसने अपने दम पर राउरकेला से मन्दिगोविंदगढ़, जालना से बेंगलुरु, दिल्ली से शिमला तक अच्छे से अच्छे धनाढ्यो की नींद उड़ा रखी थी। सोनू ने अपने जलवे दूर दूर तक बिखेर रक्खे थे। राजगांगपुर के प्रकाश दधीचि ने महाराष्ट्र, ओडिशा, मध्य प्रदेश राजस्थान स्थित दो दर्जनों से अधिक से ठिकानों पर छापा मारा गया था। छापे में 89 लाख 50000 की नकद भी जब्त की गई। राजगांगपुर में दबिश के समय तो वह किसी तरह से भाग निकला था, लेकिन छत्तीसगढ़ में निगरानी विभाग ने उस पर पूरा नजर बनाया हुआ था और उनके रडार में वह लगातार घूम रहा था। गौर करने वाली बात है कि वह छत्तीसगढ़ में भी प्रकाश नहीं पकड़ा जाता छत्तीसगढ़ से भागने की फिराक में वह विवेकानंद विमानतल से उसको सीआईएसएफ के जवान और जीएसटी इंटेलिजेंस के द्वारा दबोचा गया। प्रकाश दधीचि अपने परिजनों व अन्य निदेशकों के साथ रायपुर से जयपुर भागने में सफल हो जक्ता यदि डीजीसीआई रायपुर ज़ोन के अधिकारी उसपर लगातार नज़र नहीं रखते। पिछले मार्च 2018 से ही फर्जी बिल्स के नाम पर व्यापक जीएसटी के द्वारा घोटाले को अंजाम दिया गया था। 31 जनवरी को डीजीसीआई आरजेडी के अतिरिक्त महानिदेशक अजय कुमार के निर्णय सुन कर यह कार्रवाई को अंजाम दिया गया। गहन पूछताछ के द्वारा की गई जांच व कागजों के आधार पर 48 घंटे से अधिक की समय अवधि के पश्चात इसे उजागर किया गया था व विभाग उससे कुछ निकाल पाया था। अब उनकी बारी है, जो उनके व्यवसायिक सम्पर्क में थे व उनसे बिल की खरीद बिक्री की थी, जिसकी सिर्फ राउरकेला में ही संख्या दर्जनों में है। कुछ व्यवसायी तो अब भी शहर से बाहर हैं।