इसके बाद, उन्हें जाजपुर जिले के गोबरघाटी में नामित कोविद अस्पताल, टाटा स्टील मेडिका अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया था. उसकी हालत गंभीर बताई जा रही थी और वह ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे.
तीन दिन बाद उन्हें भुवनेश्वर लाया गया और एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, उन्होंने आज दोपहर 1.28 बजे अंतिम सांस ली.
उल्लेखनीय है कि, प्रृष्टि ने नौ नवंबर को दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पद्मश्री प्राप्त किया था. उस वक्त एक भावुक पल भी देखने को मिला था, जब इन्होंने पद्म पुरस्कार समारोह के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को आशीर्वाद देने के लिए हाथ उठाया था.
सौ वर्ष से अधिक आयु वाले इस शिक्षक को शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए यह सम्मान मिला था. पुरस्कार मिलने के बाद राष्ट्रपति कोविंद को आशीर्वाद देने वाली प्रृष्टि की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी.
प्रृष्टि ने ओडिशा के जाजपुर में बच्चों और वयस्कों के लिए मुफ्त शिक्षा प्रदान करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया. उनका मुख्य लक्ष्य अपने गांव में निरक्षरता को मिटाना था. वह पिछले कई दशकों से अपने गांव में बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों दोनों को नि जिले मेंशुल्क पढ़ा रहे थे और निरक्षरता को दूर करना चाहते थे.
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