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ओडिशा में विदेशों से लौटे 40 फीसदी यात्री का पता नहीं

  •  ओमाइक्रोन प्रभावित देशों से 800 से अधिक अनिवासी ओड़िया उतरे हैं राज्य में

  •  320 यात्रियों की नहीं मिल रही है जानकारी

भुवनेश्वर. कोविद-19 के ओमिक्रॉन संस्करण पर बढ़ती चिंताओं के बीच विदेशों से लौटने वाले 40 फीसदी यात्री राज्य सरकार के ट्रैकिंग की पहुंच से दूर हैं. उनका कहीं भी पता नहीं चल पाया है. राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, आठ जोखिम वाले देशों से ओडिशा आए लगभग 40 प्रतिशत यात्रियों का पता लगाया जाना बाकी है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि 800 से अधिक अनिवासी ओड़िया (एनआरओ) ओमिक्ऱन प्रभावित देशों से राज्य में उतरे हैं. उनमें से सरकार के पास 320 यात्रियों के बारे में जानकारी नहीं है. यह संख्या कुल आगमन का 40 प्रतिशत है.
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि कुछ वापस आने वाले यात्रियों ने एयर सुविधा पोर्टल में गलत पता और संपर्क जानकारी दर्ज की है, जबकि कुछ अन्य ने अन्य राज्यों के पते भी दिये हैं. हालांकि राहत की बात यह है कि अब तक पहचाने गए और खोजे गए लोगों में से किसी को भी कोरोना पाजिटिव नहीं पाया गया है.
इस बीच राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नवकिशोर दास ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि हमने केंद्र से यात्रियों की सूची जमा करने का आग्रह किया है. डब्ल्यूएचओ ने उचित तथ्य नहीं दिए हैं, लेकिन ओडिशा कड़ी नजर रखे हुए है.
उन्होंने लोगों को सतर्क रहने और घबराने की बजाय कोविद दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने की सलाह दी.
परिवार एवं कल्याण निदेशक विजय पाणिग्राही ने कहा कि विदेश से ओडिशा आने वालों को ट्रैक किया जा रहा है. पाजिटिव यात्रियों के नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे जा रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि यह ओमिक्रॉन संस्करण है या नहीं. हालांकि, अभी तक ओडिशा में ओमिक्रॉन का कोई मामला सामने नहीं आया है.
जन स्वास्थ्य निदेशक निरंजन मिश्रा ने कहा कि केंद्र द्वारा दिए गए आंकड़े जिलों को भेजे जा रहे हैं और तदनुसार रिटर्न का पता लगाया जा रहा है. जिन लोगों की पहचान की गई है, उनका प्रोटोकॉल के अनुसार परीक्षण किया जा रहा है.
मिश्र ने कहा कि लोगों को सहयोग करने और प्रोटोकॉल का पालन करने की आवश्यकता है. जोखिम वाले देशों से आने वालों को यह सुनिश्चित करने के लिए परीक्षण करवाना चाहिए कि उनके परिवार के सदस्य सुरक्षित रहें. हमारा उद्देश्य उन्हें परेशान करना नहीं है, बल्कि दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है.

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