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जिलाधिकारियों को तैयार रहने को दिया गया निर्देश
 
भुवनेश्वर. संभावित चक्रवात को लेकर मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्र ने कल एक उच्चस्तरीय समीक्षा और तैयारी बैठक की. चार दिसंबर की सुबह चक्रवात के ओडिशा तट से टकराने की संभावना है. बैठक में विकास आयुक्त प्रदीप कुमार जेना, स्वास्थ्य सचिव आरके शर्मा, वन सचिव डॉ मोना शर्मा, पंचायती राज सचिव अशोक मीणा, शहरी विकास सचिव जी मथिवाथनन, ऊर्जा सचिव निकुंजा बिहारी ढाल और निर्माण सचिव डॉ कृष्ण कुमार मौजूद थे. सचिव ने विभिन्न जिलों के कलेक्टरों के साथ बातचीत की और आगामी चक्रवात की तैयारियों की समीक्षा की.
बैठक में विकास आयुक्त प्रदीप कुमार जेना ने कहा कि ओड्राफ, एनडीआरएफ और दमकल सेवा की टीमों को जुटने के लिए तैयार रखा गया है. संवेदनशील जिलों में आवश्यकता के अनुसार लगभग 108 ओड्राफ और एनडीआरएफ टीमों और 200 अग्निशमन दल को तैनात किया जाएगा.
महापात्र ने अधिकारियों को कटक, भुवनेश्वर, बालेश्वर, भद्रक, जाजपुर आदि शहरों में जलभराव के मुद्दों को प्रभावी ढंग से निपटने का निर्देश दिया. शहरी क्षेत्रों में निचले इलाकों में जलजमाव के लिए पंपसेट तैयार रखने को कहा. मुख्य सचिव ने कलेक्टरों को निर्देशित किया कि फसलों की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए किसानों को जानकारी देने के लिए उचित कदम उठाए जाएं. महापात्र ने कहा कि एक बार चक्रवात का रास्ता तय हो जाने के बाद निकासी प्रक्रिया में तेजी लाई जानी चाहिए और लोगों को चक्रवात आश्रयों में ठहराया जाना चाहिए. महापात्र ने कहा कि इन सुविधाओं को भोजन और अन्य आवश्यक सामग्री के साथ पहले से तैयार रखा जाना चाहिए. लोगों को स्थिति से अवगत कराने और प्रशासन का सहयोग करने के लिए जिलों को माइकिंग करने को कहा गया है.
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