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कटक डीसीपी प्रतीक सिंह ने स्टेशन का लिया जायजा
स्टेशन सुरक्षा योजना एसओपी के अनुसार कल कटक रेलवे स्टेशन पर एक काउंटर टेररिस्ट मल्टी-एजेंसी मॉक ड्रिल आयोजित किया गया. आईआईसी (आरपीएफ) कटक और जीआरपीएस (कटक) ने संयुक्त रूप से मॉक ड्रिल का समन्वय आयोजन किया. इस मॉक ड्रिल अभ्यास में कमिश्नरेट पुलिस, फायर बिग्रेड, रेलवे मेडिकल स्टाफ, स्टेशन स्टाफ और स्टेशन प्रबंधक, सीएमआई आदि ने भाग लिया. कल दोपहर 12.30 बजे तीन संदिग्ध व्यक्तियों ने कटक रेलवे स्टेशन के पूर्व की ओर के प्लेटफार्म नंबर 05 में प्रवेश करने का प्रयास किया, जहां आरपीएफ कर्मचारी संदिग्ध व्यक्तियों की जांच करना चाहते थे, उन्होंने तुरंत गोलियां चलाई और रेलवे स्टेशन में प्रवेश किया. इसके बाद आरपीएफ क्यूआरटी हरकत में आया और उन्होंने आतंकवादी समूह को फायरिंग से जवाब दिया और प्लेटफार्म नंबर 01 की ओर जाने की अनुमति नहीं दी, जहां ट्रेन नंबर 12875 नीलांचल एक्सप्रेस का यात्री इंतजार कर रहे थे. हालांकि मॉक ड्रिल के दौरान आतंकी प्लेटफार्म नंबर 5 पर खड़ी ट्रेन नंबर 08432 {पुरी-सीटीसी पैसेंजर} को हाईजैक करने में कामयाब रहे और कुछ नागरिकों को बंधक बनाकर रखने में कामयाब रहे.
इसके बाद 12.45 बजे आईआईसी/आरपीएफ/सीटीसी और जीआरपीएस/सीटीसी तुरंत स्थिति लेते हैं और स्टेशन को खाली करने और उपलब्ध संसाधनों के साथ जल्द से जल्द क्षेत्र को घेरने के लिए एक त्वरित योजना बनाते हैं. उन्होंने उच्चाधिकारियों को भी स्थिति से अवगत कराया. 12.50 बजे आईआईसी आरपीएफ कटक को एक अल्टीमेटम के साथ आतंकवादी की डिमांड कॉल आयी और बातचीत शुरू हुई. एक बजे के आसपास टीम ने कुछ समय हासिल करने के लिए बातचीत शुरू की. इसके बाद उच्च अधिकारी ने आतंकवादी की मांग को पूरा नहीं करने, बल प्रवेश के लिए जाने और विशेष सामरिक इकाई (एसओजी) को जिम्मेदारी देने का निर्णय लिया. इसके बाद 13.30 बजे एसओजी लक्ष्य क्षेत्र में पहुंच गई. फिर एसओजी, आरपीएफ और जीआरपी से स्थिति संभालने में लगे. फिर डीसीपी कटक मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला तथा 13.45 बजे डीसीपी, कटक और एसओजी की ब्रीफिंग और प्लानिंग शुरू हुई है. इसके 10 मिनट के बाद बंधकों को छुड़ाने के लिए ऑपरेशन शुरू किया गया और तीन बजे तक सभी बंधकों को बचा लिया गया और ऑपरेशन खत्म कर दिया गया.
डीसीपी प्रतीक सिंह ने मीडिया को बताया कि कटक रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा को लेकर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. किस तरह आंतकवादी ट्रेन को अपने कब्जे में ले लेता है और एसओजी, आरपीएफ, जीआरपी के प्रयास से स्टेशन पर फंसे लोगो को किस प्रकार छुड़ाने में सफलता हासिल की जायेगी, इसका अभ्यास किया गया. डीसीपी प्रतीक सिंह ने स्टेशन का निरीक्षण करते हुए आगे की योजना भी बनाई.