भद्रक. भारत में डिजिटलीकरण जोरों पर चल रहा है, लेकिन कुछ व्यवस्थाएं अभी भी ऐसी हैं, जो रुढ़ीवादी परंपराओं को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं. कुछ ऐसी व्यवस्था है पेंशन लेने की. ओडिशा के भद्रक जिले के भंडारीपोखरी प्रखंड के बिष्णुपुर पंचायत में ऐसी घटना ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है. यहां के निवासी रामचंद्र जेना करीब 95 वर्ष के हैं. इतनी उम्र में जेना को पड़ोसियों पर निर्भर रहना पड़ता है. वृद्धा पेंशन लेने के लिए उन्हें ट्रॉली से जाना पड़ता है. जबकि राज्य सरकार ने घोषणा की है कि बुजुर्ग या विकलांग लोग अपनी पेंशन घर पर या अपने बैंक खातों में पहुंचाने के हकदार हैं, लेकिन इस लाभार्थी की स्थिति दयनीय है.
स्थानीय पंचायत कर्मियों ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन जेना की स्थिति और उनकी लाचारी ने उनकी वृद्धावस्था पेंशन के वितरण की प्रक्रिया पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं. सोशल मीडिया पर जेना का ट्रॉली पर बैठकर पेंशन लेने का एक वीडियो वायरल हो रहा है.
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