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ओडिशा के शहरी और ग्रामीण स्कूलों में नहीं रहा अंतर

  •  रंग ला रही है 5-टी योजना के अनुसार स्कूल परिवर्तन कार्यक्रम की पहल

  •  मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने और पांच जिलों में 148 रूपांतरित स्कूलों का उद्घाटन किया

  •  प्रथम चरण के तहत प्रदेश में 1075 विद्यालयों को बनाया जा रहा है आधुनिक

भुवनेश्वर. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 5-टी योजना के अनुसार स्कूल परिवर्तन कार्यक्रम के तहत पांच जिलों में 148 रूपांतरित स्कूलों का उद्घाटन किया. परिवर्तित स्कूलों में जगतसिंहपुर जिले में 14, देवगढ़ में 32, पुरी में 48, बलांगीर में 24 और केंद्रपाड़ा में 30 स्कूल शामिल हैं. अब तक 838 रूपांतरित स्कूल छात्रों को समर्पित किए जा चुके हैं.
उल्लेखनीय है कि विद्यालय परिवर्तन कार्यक्रम के प्रथम चरण के तहत प्रदेश में 1075 विद्यालयों का उद्घाटन किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने स्कूल परिवर्तन कार्यक्रम की सफलता के लिए स्थानीय विधायकों, पंचायत प्रतिनिधियों, स्कूल प्रबंध समितियों के सदस्यों, शिक्षकों और अभिभावकों को धन्यवाद दिया.
इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि मेरे राज्य के बच्चे हर क्षेत्र में आगे रहें. उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद, संगीत और हर क्षेत्र में गौरवान्वित करने दें. उन्हें नई तकनीक के बारे में बताएं. बड़े सपने देखें और आत्मविश्वास और प्रगति के साथ जीवन की हर चुनौती का सामना करते हुए आगे बढ़ें. स्कूल परिवर्तन का उद्देश्य यही है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में सफलता के लिए स्कूल ही नींव रखता है. इस स्कूल परिवर्तन कार्यक्रम ने शहरों और गांवों के स्कूलों के बीच के अंतर को दूर कर दिया है. उन्होंने कहा कि गांव के स्कूलों में अब वह माहौल है जो शहरों के चुनिंदा स्कूलों में उपलब्ध है. मुख्यमंत्री ने कहा कि एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि आपके इंजीनियर और डॉक्टर बनने के सपने को साकार करने के लिए राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए 15% सीटें आरक्षित की हैं.
उन्होंने बताया कि देश का भविष्य स्कूलों में बनता है. एक कहावत है कि बच्चे हमारी आबादी का एक तिहाई हिस्सा हैं, लेकिन भविष्य का पूरे हिस्सा हैं. स्कूलों में बिताया गया समय किसी के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है. इसलिए उनकी प्रतिभा के विकास के लिए अवसर पैदा करना हमारी जिम्मेदारी है.
5-टी पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि प्रौद्योगिकी, टीम वर्क, समय, पारदर्शिता और परिवर्तन इस पहल के स्तंभ हैं. प्रौद्योगिकी के साथ, हमारे पास स्मार्ट क्लासरूम, ई-लाइब्रेरी, कंप्यूटर, आधुनिक प्रयोगशालाएं आदि हैं. हमारा संयुक्त प्रयास टीम वर्क के अंतर्गत आता है.
उन्होंने कहा कि समय तीसरा सिद्धांत है, जिसके तहत हमने 14 नवंबर तक 1,075 स्कूलों को बदलने का लक्ष्य रखा था और हम इसे हासिल करने में सफल रहे हैं. मैं इस बात से खुश हूं. 5-टी में पारदर्शिता सबसे महत्वपूर्ण कारक है. हम इलाके के लोगों के साथ चर्चा करते हैं और राय लेते हैं और चर्चा करते हैं, प्रतिक्रिया लेते हैं और फिर इसे कार्रवाई के रूप में लागू करते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मातृभूमि और परिवार के बाद स्कूल हमारी सबसे महत्वपूर्ण पहचान है. उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि आप सभी अच्छी तरह से अध्ययन करेंगे, अच्छे नागरिक बनकर काम करेंगे, सफलता प्राप्त करेंगे और भविष्य में हमारे राज्य को गौरवान्वित करेंगे.
कार्यक्रम में जगतसिंहपुर से सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री रघुनंदन दास, देवगढ़ से श्रम मंत्री सुशांत सिंह, पुरी से स्कूल एवं जनशिक्षा मंत्री समीर रंजन दास, बलांगीर से महिला एवं बाल विकास मंत्री टुकुनी साहू और केंद्रापड़ा से पंचायती राज मंत्री प्रताप जेना शामिल हुए. सभी ने स्कूल परिवर्तन कार्यक्रम की सराहना की. कार्यक्रम का संचालन मुख्यमंत्री के सचिव (5-टी) वीके पांडियन ने किया. कार्यक्रम में विकास आयुक्त पीके जेना समेत कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षक और छात्र शामिल हुए.

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