(साभार-शैलेश कुमार वर्मा)
कटक- वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को लोकसभा में (2020-21) लिए पेश किये गये आम बजट को किसी ने इतिहास रचने वाला करार दिया तो किसी ने निराशाजनक बताया. यह बजट देश के लिए, समाज के लिए, किसान के लिए, महिलाओं के लिए, वरिष्ठ नागरिकों के लिए कितना फायदेमंद रहा, इसपर कुछ प्रतिष्ठित व्यक्ति, समाजसेवी, उद्योगपति एवं महिलाओं ने निम्न प्रतिक्रियाएं दी.
हम वित मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई देना चाहते हैं. इतनी धीमी आर्थिक विकास, धीमी कर संग्रह और मातहत व्यापार भाव में भी सभी समाज, सभी समुदाय और सभी वर्गों को ध्यान में रखकर बजट बनाना काबिल-ए-तारीफ है. बजट में व्यक्तिगत करदाता के लिए बहुत अच्छी सुविधा की गई है. बजट में निवेश को आसान बनाने और सड़क और रेल नेटवर्क को जोड़ने, हवाई अड्डों की संख्या में वृद्धि और पोर्ट कनेक्टिविटी में सुधार के साथ बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयास को रेखांकित किया गया है. जिस तरह सरकार ने “जय जवान, जय किसान” का उत्थान किया है, 16 एक्शन प्वाइंट्स की घोषणा और डिफेंस बजट में बढ़ोतरी करके, इससे देश के किसानों को बढ़ावा मिलेगा और युवा जुड़ने की कोशिश करेंगे. सरकार ने देश में शिक्षा के सुधार के लिए बहुत अच्छा कदम उठाया है. शिक्षा के क्षेत्र में बुनियादी ढाँचा बनाने के लिए, बाहरी वाणिज्यिक उधार (ईसीबी) और फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफडीआई) के सोर्सिंग को सक्षम करने के लिए कदम उठाए जा रहे है. महिलाओं की स्वास्थ्य और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा गया है और उनकी शिक्षा को अपने सूची में शीर्ष स्थान देकर उन्हें आगे बढ़ने का रास्ता दिया है. केंद्रीय बजट से वित मंत्री से ना सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था सुधारने की कोशिश की है, बल्कि लोगों की खरीदने की क्षमता को भी गति दी है
किशन कुमार मोदी, अध्यक्ष, कटक मारवाड़ी समाज
यह बजट किसानों के लिए बहुत अच्छा है. आम नागरिकों के लिए कुछ खास नहीं है. बजट ठीक रूप से समझ से बाहर है. सरकार किस दिशा में देश को ले जाना चाहती है, यह समझ नहीं आ रहा है. छोटे उद्योग वालों के लिए कुछ सहूलियत दी गई है. महिलाओं के लिए भी कोई खास नहीं है.
श्याम सुंदर पोद्दार, वरिष्ठ समाजसेवी एवं उद्योगपति कटक
जैसा सोचा गया था कि कुछ नया रूप लेकर बजट आएगा, लेकिन बजट में ऐसा कुछ नहीं दिखा. इस बजट में इतिहास भाषा, संस्कृति, भूगोल, विज्ञान सब कुछ था, लेकिन अर्थशास्त्र कहीं भी नहीं था. किसान के लिए भी कुछ खास नहीं था. टैक्स स्लैब में जो सुधार किया गया है, वह उतनी कमाई होने पर ही सुविधाजनक है. बेरोजगारों के लिए कुछ नहीं किया गया है.
नंदलाल सिंह, राज्य संयोजक, बीजद आप्रवासी सामुख्य
इस बजट मे कुछ बातें बहुत अच्छी हैं। जैसे शिक्षा के क्षेत्र मे विदेशी निवेश, कई नए तरह के विश्वविद्यालय, आदिवासी संग्रहालय बनाने, पर्यटन को प्रमुखता देना, तेजस जैसे गाड़ियों का विस्तार होना तथा निर्माण, तकनीकी और किसानों के लिए कई योजनाओं का होना. परंतु आयकर क्षेत्र में नई प्रणाली न केवल जटिलता पैदा कर रहा है, बल्कि नए स्लैब मे मध्यम वर्ग को अधिक आयकर देना पड़ेगा. कुल मिलाकर वर्तमान समय मे यह एक मध्यम बजट है.
सुभाषचंद्र श्रीवास्तव, अवकाश प्राप्त उप महानिदेशक, भारतीय भूवैज्ञानि सर्वेक्षण
इस साल का बजट जन सामान्य के लिए मिलाजुला है. इस बजट में इनकम टैक्स रिटर्न को सरलीकरण किया गया है, महिलाओं क़े लिए विशेष ध्यान दिया गया है, विदेशी निवेश में आसान नीति अपनायी गयी है, नए कार्य (व्यवसाय) करने वालों के लिए कर में ज़्यादा छूट का प्रावधान रखा गया है, विशेष करके किसानों के लिए प्रावधान है. इससे कृषि उद्योग को बल मिलेगा. बजट में इस बार वरिष्ठजनों एवं दिव्यांग लोगों का भी ध्यान रखा है, जिससे इन लोगों के कल्याणकारी योजनाओं को मज़बूती मिल सकेगी.
सम्पत्ति मोड़ा, वरिष्ठ समाज सेविका, अग्रवाल महिला समिति की प्रान्तीय अध्यक्ष
एलआईसी का निजीकरण बहुत ही सराहनीय है. इनकम टैक्स में मध्यम वर्ग के लिए छूट भी बहुत अच्छी है. सभी रूप से या बजट सराहनीय है. खासकर किसान के लिए यह बजट काफी अच्छा है. इस बजट में सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है. इसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण धन्यवाद के पात्र हैं.
नरेश गनेड़ीवाल, युवा समाजसेवी एवं व्यवसायी, कटक
यह बजट मिलाजुला है. इस बजट में मध्यम वर्गीय के लिए भी विशेष ध्यान रखा गया है, जो कि एक अच्छी बात है. इसके साथ ही साथ टैक्स छूट के प्रावधान की जो व्यवस्था की गई है, वह सराहनीय है, घरेलू सामानों में भी कुछ महंगे तो कुछ सस्ते हुए.
नीलम साहा, समाज सेविका एवं महिला बाल विकास प्रमुख
वित्त मंत्री ने कर दरों को घटाते हुए नया टैक्स स्लैब बना दिया है और इससे छोटे और मझोले वर्ग के लोगों को बहुत फायदा हुआ है. करदाताओं को नया या पुराना स्लैब चुनने का विकल्प दिया गया है. इससे पता चलता है कि सरकार टैक्स व्यवस्था पूरी तरह सरल होने के क़दम उठा रही है.
मनोज शर्मा, कमर्शियल रोडवेज, कटक
उद्योगपतियों के लिए यह बजट किसी भी रूप में फायदेमंद नहीं है. बजट को पास करते समय डिविडेंड डिसटीब्यूशन टैक्स को हटा देना चाहिए. यह बजट किसी भी रूप में कोई खास अच्छा नहीं है. इस बजट में महिलाओं एवं वृद्ध लोगों के लिए कुछ भी नहीं किया गया है. इस बजट में किसानों का विशेष रुप से ख्याल रखा गया है.
सुनील कुमार धनावत, इंडस्ट्रियल एवं उद्योगपति, कटक
इस बजट में टैक्स स्लैब में जो छूट दी गई है, वह काफी हद तक सराहनीय है. विशेष तौर पर देखा जाए तो बजट में कुछ नया नहीं है. महिलाओं के लिए, वृद्ध लोगों के लिए एवं किसानों के लिए कोई खास कुछ भी नहीं किया गया है. मिला-जुलाकर देखा जाए तो बजट कुछ खास नहीं है.
कमल सिकारिया, पूर्व उपाध्यक्ष, कटक मारवाड़ी समाज
देश की वित्त मंत्री द्वारा उज्व्वल भविष्य को ध्यान में रखते रखकर बजट पेश किया गया है. मिडिल क्लास और सैलरीड क्लास को टैक्स बेनिफिट से लाभ होगा. किसान इरीगेशन विलेजस को ज्यादा फायदा होगा. मिलाजुला कर यह बजट पूर्ण रूप से ठीक-ठाक है.
विजय अग्रवाल, अध्यक्ष, अग्रवंशी, कटक