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कोरापुट में उज्जीवन स्माल फाइनेंस बैंक के नाम पर धोखाधड़ी

  • बैंक दर्ज करायी शिकायत, कहा-मेरी कोई शाखा यहां नहीं कर रही है काम

भुवनेश्वर. कोरापुट जिले में उज्जीवन स्माल फाइनेंस बैंक के नाम पर धोखाधड़ी करने का मामला प्रकाश में आया है. इसके खिलाफ बैंक ने कोटपाड़ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करायी है. यह शिकायत उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड के सहायक प्रबंधक (सतर्कता) ने दर्ज करायी है. बताया गया है कि उमरकोट और कोटपाड़ पुलिस ने 10 नवंबर को ‘उज्जीवन’ नाम की एक चिटफंड फर्म चलाने वाले तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. पुलिस की टीमों ने नबरंगपुर और कोरापुट जिलों में स्थित उज्जीवन के कार्यालयों पर छापेमारी की थी और बड़ी संख्या में आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किया था.

पुलिस के अनुसार, इस फर्म ने एक सौ से अधिक जमाकर्ताओं के साथ धोखाधड़ी की है. जमाकर्ताओं के अनुसार, उन्हें एक महीने के भीतर 820 रुपये की जमा राशि पर 30,000 रुपये और 920 रुपये की जमा राशि पर 40,000 रुपये की वापसी का वादा किया गया था.

इसे देखते हुए उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड के ओडिशा के सहायक प्रबंधक (सतर्कता) बिभु प्रसाद गंतायत ने 12 नवंबर को कोटपाड़ पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी दर्ज कराते हुए कहा कि बैंक को भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मान्यता प्राप्त और अधिकृत किया गया है. नियमों के तहत यह बैंक कई शाखाओं के साथ काम कर रहा है.  गंतायत ने शिकायत में कहा है कि बैंक को 11 नवंबर को मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से पता चला कि कोरापुट और नवरंगपुर जिले के कोटपाड़ और उमरकोट के कुछ स्थानीय लोगों को कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने धोखाधड़ी का शिकार बनाया है. अज्ञात लोगों ने बैंक के कर्मचारी होने का दावा करते हुए उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड से ऋण देने का आश्वासन दिया तथा उक्त इलाके के निवासियों से कुछ राशि नकद एकत्र की है. इसके लिए उन्होंने कुछ जाली और मनगढ़ंत ऋण आवेदन फॉर्मों का इस्तेमाल किया है और दावा किया है कि यह बैंक का ऋण आवेदन फॉर्म है, जबकि हकीकत है कि बैंक के निर्धारित ऋण आवेदन पत्र के साथ कोई इसकी कोई समानता नहीं है.

एफआईआर में गंतायत ने यह भी कहा है कि वर्तमान में उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक की उक्त स्थान पर अपनी कोई शाखा नहीं है और यह किसी भी तरह से उक्त स्थान का संचालन नहीं कर रहा है. हमारे संज्ञान में यह भी आया है कि उक्त जाली प्रपत्रों पर संपत्ति चिह्न (प्रतीक/लोगो) भी होता है, जो जाली हैं. हालांकि यह देखने में हमारे मूल संगठन (उज्जीवन फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड) के समान प्रतीत होते हैं. इस प्रकार हम मानते हैं कि लोगो आदि के उपयोग से उक्त अपराधों के अपराधियों ने न केवल हमारे कीमती बौद्धिक संपदा अधिकारों का उल्लंघन किया है, बल्कि आम निर्दोष जनता को धोखा देने का प्रयास भी किया है.

शिकायत में आगे कहा गया है कि बैंक न तो किसी को ऋण के वितरण के लिए कमीशन देने के किसी भी कार्य में शामिल करता है और न ही किसी ग्राहक द्वारा ऋण के लिए आवेदन करने के लिए कोई शुल्क लेता है. इसके अलावा, उपरोक्त गैरकानूनी गतिविधियां ऐसे व्यक्तियों द्वारा की गई हैं, जिनका बैंक से किसी भी तरह से कोई संबंध नहीं है.

आंतरिक विजिलेंस जांच के दौरान बैंक ने पाया कि तीनों आरोपी व्यक्ति कोटपाड़ और उमरकोट क्षेत्रों में रहकर अपराध को आसपास के अन्य क्षेत्रों में संचालित करते थे और उज्जीवन से ऋण देने का झूठा आश्वासन देकर ग्रामीण लोगों से धन एकत्र किया है. स्मॉल फाइनेंस बैंक लिमिटेड और इस तरह जाली दस्तावेजों आदि के साथ लोगों को ठगा.

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