-
ग्राम पंचायतों में टीकाकरण अभियान तेज करने का निर्देश, मुख्य सचिव ने की टीकाकरण को लेकर समीक्षा
-
18 वर्ष से अधिक आयु की आबादी का शत-प्रतिशत टीकाकरण की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा राज्य
भुवनेश्वर. ओडिशा में कोरोना टीकाकरण अभियान की गति काफी तेज है. ओडिशा अब 18 वर्ष से अधिक आयु की आबादी का शत-प्रतिशत टीकाकरण प्राप्त करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. ओडिशा में टीकाकरण दर राष्ट्रीय दर से ऊपर चली गई है, जिसमें टीके की खुराक की कम से कम प्रक्रियात्मक बर्बादी हुई है. यह बात आज लोकसेवा भवन सभागार में मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्र की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में उभर कर सामने आयी है. इसमें अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज कुमार शर्मा ने विभिन्न क्षेत्रों में टीकाकरण से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की. कोरोना टीकाकरण प्रगति की जिलेवार समीक्षा करते हुए मुख्य सचिव महापात्र ने कहा कि हम अब संक्रमित मामलों की संख्या में काफी कमी आई है. इस समय हमें महामारी की संभावित तीसरी लहर की चपेट में आने से पहले टीकाकरण अभियान को तेज करना होगा. महापात्र ने सभी जिलों के कलेक्टरों को टीकाकरण के लिए ग्राम एवं ग्राम पंचायत स्तरीय सूक्ष्म योजना तैयार करने का निर्देश दिया. उन्होंने डोर-टू-डोर सर्वेक्षण के माध्यम से अभियान मोड पर सूक्ष्म योजनाओं का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए. जिलों को अभियान को तेज करने और गांव और ग्राम पंचायत स्तर पर अधिक टीकाकरण केंद्र खोलने के लिए कहा गया है.
इस दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव शर्मा ने कहा कि 13 नवंबर 2021 तक ओडिशा में कुल टीकाकरण 4.03 करोड़ को पार कर गया. इसमें से 2,68,04,755 व्यक्तियों ने पहली खुराक प्राप्त की है और लगभग 1,34,96,059 लोगों ने दूसरी खुराक प्राप्त की.
पहली खुराक प्राप्त करने वाली 18+ आबादी का हिस्सा 82.4% था, जबकि राष्ट्रीय औसत 79.8% था. इसी तरह 41.5% आबादी को राष्ट्रीय औसत 38.4% के मुकाबले दूसरी खुराक मिली है. 30 नवंबर तक पहली खुराक के 90% प्रशासन को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. मुख्य सचिव महापात्र ने दिसंबर के अंत तक इसे शत-प्रतिशत करने का निर्देश दिया है.
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक शालिनी पंडित ने बताया कि टीके के भंडारण, परिवहन और प्रशासन में उचित देखभाल के कारण, खुराक की बर्बादी ओडिशा में कम से कम थी. राज्य में वैक्सीन अपशिष्ट -5.3% तक गिर गया, जिससे लगभग 20 लाख खुराक की बचत हुई. उन्होंने यह भी कहा कि वैक्सीन और सीरिंज की पर्याप्त आपूर्ति है. जिलों को उनकी मांग के अनुसार अधिक आपूर्ति की जाएगी.
पंडित ने यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि टीके की दूसरी खुराक हमेशा पहली खुराक के एक ही ब्रांड की हो. पहली और दूसरी खुराक के बीच टीके के प्रकार का आपस में मिश्रण नहीं होना चाहिए. उन्होंने पहली खुराक की निर्धारित समय सीमा के भीतर दूसरी खुराक का प्रशासन सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए.
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए सभी जिलों के कलेक्टरों ने टीकाकरण और सभी छूटे हुए मामलों को कवर करने के लिए अपनी क्षेत्र-स्तरीय तैयारी से अवगत कराया. बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने आवश्यक आंकड़ों और परिपत्रों को पेश किया.