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मुहिम रंग लायी, ट्रेनों में अकेली महिला यात्रियों को मिली सहेली

  • समय-समय पर आकर हाल-चाल जानती है मेरी सहेली की टीम, सुरक्षा को रखती है पूरी ख्याल

  • भारतीय रेलवे की एक अनोखी पहल की हो रही है प्रशंसा

  • योजना मेरी सहेली का पूर्व तट रेलवे जोन में सफल क्रियान्वयन

शेषनाथ राय, भुवनेश्वर

भारतीय रेलवे की ओर चलायी गयी मुहिम रंग ला रही है. अब ट्रेन में अकेली महिलाएं भी खुशी-खुशी यात्राएं कर रही हैं. हमारे समाज में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चत करने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर विभिन्न प्रकार के उपाय किए जाते रहें है, परन्तु मानव जीवन के विकसित जीवनशैली में कोई ना कोई कमियां रह जाती हैं, जिनका अपराधी लाभ उठा कर कई बार अपराध कर देने में सफल होते हैं.

रेलवे में यात्रा के दौरान अकेली महिला यात्री की सुरक्षा को सदैव प्राथमिकता में रखकर रेलवे सुरक्षा बल और राजकीय रेलवे पुलिस के जवान सदैव तत्पर रहते हैं. वर्ष 2020 में महिला रेल यात्रियों को उनके गंतव्य तक सकुशल पहुंचाने के लिए तथा उनके अनुभावों संग्रह कर और बेहतर करने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर रेलवे ने मेरी सहेली योजना की शुरुआत की. इसका बेहतर रूप से क्रियान्वयन पूर्वतट रेलवे में रेलवे सुरक्षा बल के कार्मिकों द्वारा अपने बड़े स्टेशनों पर और प्रमुख रूप से विश्व प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ की धरती पुरी रेलवे स्टेशन पर किया जा रहा है, जिसकी प्रसंशा पुरी के जनमानस द्वारा भी की जा रही है.

मेरी सहेली पुरी की टीम

भगवान जगन्नाथ के दर्शन हेतु रोजाना हजारों यात्री ट्रेन से पुरी आते हैं, इनमें महिला यात्रियों की भी बहुत बड़ी संख्या होती है. इसके लिए रेलवे सुरक्षा बल की ओर से पूर्ण रूप अपने कार्य में प्रशिक्षित कर्मियों की टीम उप निरीक्षक विनीता शर्मा के निर्देशन में कार्य कर रही है. इस टीम में उपनिरीक्षक विनीता शर्मा के अतिरिक्त 6 अन्य महिला कर्मियों को लगाया गया है. यह टीम गाड़ी में यात्रा से पूर्व रिजर्वेशन चार्ट के माध्यम से विशेष रूप से अकेली यात्रा आरंभ करने वाली महिलाओं का डाटा संग्रह करके, गाड़ी प्रस्थान से पूर्व उनसे मिलकर सुरक्षा संबंधी जानकारी साझा करती है तथा उन्हें रेल सहायता नंबर-139 और किसी भी आपात स्थिति में संपर्क करने का अनुरोध करती है. संग्रह किए गए डाटा को अपलोड करके गाड़ी के गंतव्य तक के सभी स्टेशनों को जानकारी दी जाती है और संबंधित महिला की यात्रा समाप्ति के बाद उसका फीडबैक लिया जाता है. ऎसी की गई कार्रवायी से मंडल और मुख्यालय को समयनुसार सूचित किया जाता है.

इसके अतिरक्त जो ट्रेन पुरी आती है, उसमे भी मेरी सहेली टीम पुरी द्वारा महिला यात्रियों से मुलाकात कर उनकी हाल-चाल लेती हैं. अगर कोई महिला यात्री शारीरिक रूप से विकलांग है अथवा उसको किसी प्रकार की असुविधा है तो मेरी सहेली टीम द्वारा उसके घर तक पहुंचाया जाता है. जिसकी प्रंशसा पुरी आने वाले यात्रियों द्वारा कि जा रही है. उपरोक्त के अलावा मेरी सहेली टीम द्वारा बहुत से नाबालिक बच्चों को जो किसी कारण वश अपने घर से भाग कर या गलती बश पुरी आ रहे हैं, उनको चाइल्ड लाइन के माध्यम से उनके परिवार तक पहुंचाया जाता है. अपराधों के नियंत्रण में भी पुरी आरपीएफ मेरी सहेली टीम का बेहतरीन रोल रहा है. 2021 में मेरी सहेली टीम द्वारा अब तक मादक पदार्थों की तस्करी, चोरी से संबंधित अपराधों पर अंकुश लगाना और 24 नाबालिक बच्चों को उनके घर तक पहुंचाने जैसे मानवता पूर्ण कार्य किए गए है.

मेरी सहेली टीम के लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए, पुरी में मेरी सहेली टीम द्वारा रेलवे स्टेशन के आस पास रहने वाले गरीब बच्चों और परिवारों को जागरूक करने के लिए आरपीएफ के निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. जिसका मुख्य उद्देश्य गरीब और अशिक्षित व्यक्तियों को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताना है तथा आवश्यकतानुसार संबंधित अधिकारियों से भी तालमेल स्थापित करके गरीब लोगों को लाभान्वित करवाना है. मेरी सहेली टीम की इस अनोखी पहल से विगत कुछ दिनों में पुरी में यात्रियों से संबंधित अपराधों में कमी देखी गई है. क्योंकि ज्यादातर अपराध में अपराधी गरीबी और अशिक्षा के कारण संलिप्त होते है. मेरी सहेली टीम नियमित रूप से रेलवे स्टेशन के आस पास की गरीब बस्तियों में जा कर लोगों को जागरूक कर रही है.

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