-
कोणार्क चन्द्रभागा में प्रशासन ने किया था खास इंतजाम
-
30 प्लाटुन फोर्स और 50 लाइफ गार्ड रहे सुरक्षा में तैनात
-
समुद्र में सुरक्षित स्नान के लिए एनडीआरएफ, ओड्राफ एवं दमकल वाहिनी की टीम भी तैनात रही
पुरी. माघ सप्तमी के मौके पर कोणार्क चन्द्रभागा में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और भगवान सूर्यदेव को जल अर्पित किया. हर साल की तरह इस साल भी चन्द्रभागा में समुद्र के किनारा आस्था का केंद्र रहा, जहां विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालुओं का जमावड़ा हुआ था. श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन की तरफ से चन्द्रभागा में 30 प्लाटुन फोर्स तैनात की गई थी. इतना ही नहीं, समुद्र में सुरक्षित स्नान के लिए एनडीआरएफ, ओड्राफ एवं दमकल वाहिनी की टीम भी तैनात रहीं. 50 लाइफ गार्ड भी लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर तैनात रहे. भक्तों की सुविधा के लिए सभी प्रकार की व्यवस्था प्रशासन की तरफ से की गई थी. भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए पेयजल एवं शौचालय जैसी मौलिक सुविधाओं का भी प्रबंध प्रशासन की तरफ से किया गया था. इसके साथ ही स्वास्थ्य सेवा के लिए तीन अस्थाई स्वास्थ्य शिविर लगाए गए थे. परंपरा के अनुसार, मध्यरात्रि में एनसी भोग मंडप में भोग खिलाने के बाद तीनों ठाकुर कोणार्क के त्रिवेणीश्वर, ऐशानेश्वर एवं दक्षिणेश्वर महादेव को शुक्रवार रात को ही पालकी के जरिए चन्द्रभागा तीर्थ मंडप लाया गया. भोर के समय तीनो ठाकुर का महास्नान हुआ इसके बाद भक्त चन्द्रभागा में डुबकी लगाए. पुराण के मुताबिक, सारला दास के महाभारत एक पर्व में अर्क तीर्थ के महात्म्य का वर्णन किया गया है. पवित्र माघ सप्तमी तिथि में अर्क नामक एक दैत्य को पाताल में दबाकर अर्कतीर्थ सृष्टि करने से हर साल माघ शुक्ल सप्तमी के दिन यहां पर पवित्र स्नान उत्सव अनुष्ठित होता है. कोणार्क सूर्य क्षेत्र के नाम से भी प्रसिद्ध है. इस दिन सूर्यदेव की विशेष रूप से पूजा अर्चना की जाती है.