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भुवनेश्वर-कटक के बारों में बाउंसरों की नियुक्ति पर पुलिस ने लगायी रोक

  •  पुलिस आयुक्त ने जारी किया निर्देश

भुवनेश्वर. भुवनेश्वर-कटक कमिश्नरेट पुलिस ने अपने अधिकार क्षेत्र के तहत बार में सुरक्षाकर्मियों के रूप में बाउंसरों की नियुक्ति पर कुछ प्रतिबंध लगा दिया है. पुलिस आयुक्त सौम्येंद्र कुमार प्रियदर्शी ने सोमवार को बताया कि कमिश्नरेट पुलिस के अधिकार क्षेत्र में कई बार बाउंसरों को सुरक्षाकर्मियों के रूप में नियुक्त कर रहे हैं. हाल के महीनों में कई ऐसे निजी बाउंसरों के खिलाफ कुछ आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं.
यह आशंका जताई गई है कि इन बाउंसरों से ग्राहकों के जीवन और सुरक्षा को खतरा होने की पूरी संभावना है. इसके परिणामस्वरूप शांति भंग हो सकती है और सार्वजनिक शांति को भी नुकसान पहुंच सकता है.
उन्होंने कहा कि यह आवश्यक है कि ग्राहकों के जीवन और सुरक्षा के साथ-साथ शांति भंग और सार्वजनिक शांति भंग करने के लिए इस तरह के अवांछित खतरे को रोकने के लिए कुछ जांच की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधि के तत्काल रोकथाम के लिए कानून के तहत कार्यवाही के लिए पर्याप्त आधार है. इसे देखते हुए राज्य सरकार द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए आयुक्त प्रियदर्शी ने कमिश्नरेट के अंतर्गत भुवनेश्वर एवं कटक शहरी पुलिस जिलों में बार मालिकों द्वारा कड़ाई से अनुपालन हेतु एक लिखित आदेश जारी किया है. बार मालिकों को निर्देश के प्रकाशन की तारीख से दो महीने की अवधि के भीतर आदेशों का पालन करना होगा. निर्देश के अनुसार, कोई भी बार मालिक संबंधित संबंधित व्यक्ति के चरित्र और पूर्ववृत्त के पूर्व सत्यापन के बिना किसी भी व्यक्ति को निजी सुरक्षा के रूप में नियुक्त नहीं करेगा, चाहे वह बाउंसर के रूप में जाना जाए या अन्य रूप में. बार मालिक किसी भी व्यक्ति को अपनी निजी सुरक्षा के रूप में केवल पीएसएआरए अधिनियम के तहत पंजीकृत निजी सुरक्षा एजेंसियों से ही नियुक्त करेगा. बार मालिक स्थानीय पुलिस स्टेशन को सुरक्षा उद्देश्यों के लिए लगे व्यक्तियों के बारे में लिखित में सूचित करेगा. ऐसे प्रतिष्ठान में कार्यरत ये सुरक्षाकर्मी बल प्रयोग के संबंध में सामान्य कानूनी नियमों के अधीन है. ये सुरक्षा कर्मी कानून द्वारा अनुमत कार्य कर सकते हैं. जरूरत पड़ने पर वे 112 पर कॉल करके पुलिस को सूचित कर सकते हैं. किसी भी परिस्थिति में इन कर्मियों का कार्य ग्राहक के मौलिक अधिकार का उल्लंघन नहीं कर सकता है. नया आदेश दो नवंबर से प्रभावी होगा और 60 दिनों की अवधि के लिए अर्थात 31.12.2021 तक लागू रहेगा, जब तक कि पहले वापस नहीं लिया जाता. प्रियदर्शी ने कहा कि इस आदेश का उल्लंघन करने वाला कोई भी व्यक्ति कानून के प्रावधान के तहत दंडनीय होगा.

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