पुरी. महाप्रभु श्री जगन्नाथ के मंदिर के सौंदर्यीकरण के लिए बनायी गयी हेरिटेड कॉरिडोर प्लान के लिए पुरी जिला प्रशासन ने रविवार को फिर से जगन्नाथ मंदिर के 100 मीटर के दायरे में बेदखली अभियान शुरू कर दिया है. बेदखली के इस अभियान के दौरान में मंदिर के आसपास मारीचकोटा चौक से लेकर श्रीमंदिर कार्यालय तक जर्जर हालत में पड़े पुराने भवनों को गिराया जा रहा है. जानकारी के अनुसार, पुरानी इमारत, जो श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) और पुरी गजपति का कार्यालय हुआ करती थी, को भी ध्वस्त किया जा रहा है. साथ ही सूचना केंद्र को खाली कराया जाएगा और लांगुली मठ के कुछ हिस्से को भी तोड़ा जाएगा. ओडिशा ब्रिज एंड कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ओबीसीसी) के अधीक्षक अभियंता प्रभात पाणिग्राही ने कहा पुरानी एसजेटीए इमारत जीर्ण-शीर्ण हालत में थी. चूंकि इमारत को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है, इसलिए यह पुरी के नागरिकों और दुनिया भर के अन्य आगंतुकों के लिए जीवन और संपत्ति के लिए खतरानाक शाबित हो सकती है. इसके अलावा तोड़ने का मुख्य उद्देश्य एक विरासत के साथ एक नई दो मंजिली इमारत का निर्माण करना है, जो यहां की सुंदरता को बढ़ाएगी.
उन्होंने कहा कि नया भवन श्रीमंदिर के प्रशासनिक खंड के रूप में काम करेगा और मंदिर के सभी कार्यालय ब्लॉक में कार्य करेंगे. इसका उपयोग उच्च गणमान्य व्यक्तियों के लिए एक व्यूइंग गैलरी के रूप में भी किया जाएगा. पाणिग्राही ने कहा कि भवन में पार्किंग की सुविधा का भी प्रावधान होगा.
उल्लेखनीय है कि दो प्लाटून पुलिस बलों की मौजूदगी में बेदखली अभियान चलाया जा रहा है. चूंकि श्रीमंदिर प्रत्येक रविवार को कोविद-19 के मद्देनजर बंद रहता है, इसलिए पुरी उप-कलेक्टर और दो मजिस्ट्रेटों के नेतृत्व में बेदखली अभियान तेज कर दिया गया है.