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छात्रों के आंदोलन के बाद सरकार ने टाला अपना निर्णय
11वीं कक्षा में इस साल पास व्यवस्था लागू नहीं की जाएगी। छात्रों के कड़े विरोध के बाद सरकार ने अपने निर्णय को टाल दिया है। शिक्षा मंत्री समीर रंजन दास ने कहा है कि इस साल यह व्यवस्था लागू नहीं होगी। 2020-21 शिक्षा वर्ष से इस नियम को कड़ाई के साथ लागू करने की घोषणा मंत्री ने की है। मंत्री ने कहा है कि 12वीं कक्षा में पास फेल की व्यवस्था पहले से ही है ऐसे में इसके लिए कोई निर्णय नहीं लिया गया है। छात्रों का प्रदर्शन अच्छा हो इसीलिए 11वीं कक्षा में 33% मार्क रखना अनिवार्य किया गया था। बच्चों को दो अवसर देने का भी विचार किया जा रहा था मगर छात्र परीक्षा के लिए तैयार ना होने की बात कहने के चलते इस साल इसे टाल दिया गया है। आगामी शिक्षा वर्ष से इस नियम को सख्ती के साथ लागू किया जाएगा। अगले शिक्षा वर्ष से जो छात्र 11वीं कक्षा में 33% से कम नंबर रखेंगे उन्हें 12वीं कक्षा में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
शिक्षा मंत्री के इस घोषणा के बाद से 11वीं कक्षा के छात्रों ने राहत की सांस ली है। सरकार के 11वीं कक्षा में पास फेल वाले निर्णय को कार्यकारी न करने के लिए छात्र मांग कर रहे थे। राजधानी भुवनेश्वर में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन करने के साथ अपनी नाराजगी जाहिर की थी ऐसे में शिक्षा विभाग ने छात्रों की मांग को ध्यान में रखते हुए अपने निर्णय को टाल दिया है। ऐसे में इस साल 11वीं कक्षा में पढ़ रहे छात्र वार्षिक परीक्षा में पास हो या फेल उन्हें 12वीं कक्षा में प्रवेश मिल जाएगा।
गौरतलब है कि इससे पहले शिक्षा मंत्री ने घोषणा किया था कि 12वीं कक्षा में प्रवेश करना है तो छात्रों को कम से कम 11वीं कक्षा में 33% नंबर रखना होगा अन्यथा उन्हें 12वीं कक्षा में प्रवेश नहीं मिलेगा। मंत्री ने यह भी कहा था कि उच्च माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार लाने के लिए विद्यालय एवं जन शिक्षा विभाग ने यह निर्णय लिया है। हालांकि छात्रों के विरोध के कारण इस निर्णय को इस साल के लिए टाल दिया गया है और अगले साल से इसे कड़ाई से लागू किया जाएगा।
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