भुवनेश्वर
मां के श्राद्ध में भाग लेने के लिए पिछले 1 अक्टूबर को छुट्टी लेकर मिजोरम से सोनपुर स्थित अपने घर के लिए रवाना होने वाले सीआरपीएफ जवान प्रताप कुमार नायक का शव बरमाद हुआ है। गौरतलब है कि सीआरपीएफ जवान नायक को 3 अक्टूबर को ही अपने घर पहुंच जाना था, मगर 7 अक्टूबर तक उनके बारे में कुछ भी पता नहीं चल रहा था। आज सीआरपीएफ की तरफ से नागालैण्ड से उद्धार एक जवान के शव का फोटो भेजकर परिवार वालों से पहचान करने को कहा गया। फोटो को देखने के बाद उनके भाई ने इसकी पहचान कर ली है। सोनपुर मझीपड़ा के रहने वाले सीआरपीएफ जवान प्रताप कुमार नायक के भाई ने कहा है कि लूटपाट करने के उद्देश्य से लुटेरों ने मेरे भाई की हत्या कर दी है।
जानकारी के मुताबिक सोनपुर मझिपड़ा के प्रताप कुमार नायक 78 सीआरपीएफ बटालियन में मिजोरम में तैनात थे। मां के श्राद्ध कार्य में भाग लेने के लिए वह पिछले 1 अक्टूबर को अपने घर के लिए रवाना हुए थे। हालांकि वह ना ही घर पहुंचे और ना ही उनसे किसी का संपर्क हो पा रहा था। इसके बाद परिवार वालों ने पुलिस एवं सीआरपीएफ कार्यालय में इसकी शिकायत किए थे। इसके बाद आज संदेहास्पद अवस्था में नागालैंड से उनका शव बरामद हुआ है। जवान की मृत्यु हो जाने के बार में सीआरपीएफ कार्यालय की तरफ से परिवार वालों को दी गई है और शव को पहचानने के लिए फोटो भेजा गया। फोटो को देखते हुए उनके भाई प्रदीप नायक ने अपने भाई के शव को पहचान लिया।
इस संबन्ध में प्रदीप ने कहा है कि भाई ट्रेन में चढ़ने के बाद डकैतं ने लूट के उद्देश्य उन पर हमला कर इस तरह की घटना को अंजाम देने का हम अनुमान लगा रहे हैं। उनके पास से सोने के चेन, अंगूठी आदि सब कुछ लूट लिए हैं। परिवार वालों ने कहा है कि किस परिस्थिति में प्रताप का शव बरामद हुआ है, उसे लेकर जांच करने के साथ ही उन्हें न्याय दिलाने की मांग किया है।
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