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ओडिशा की कंपनी के साथ मिलकर पीईसी लिमिटेड के अधिकारियों ने किया 56.89 करोड़ का फर्जीवाड़ा

  • सीबीआई ने दर्ज किया 12 के खिलाफ मामला

भुवनेश्वर. ओडिशा के सुंदरगढ़ की एक कंपनी के साथ मिलकर पीईसी लिमिटेड के अधिकारियों द्वारा 56.89 करोड़ का फर्जीवाड़ा करने का मामला प्रकाश में आया है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पीईसी लिमिटेड के तत्कालीन सीएमडी और अन्य अधिकारियों के साथ-साथ सुंदरगढ़ जिले में स्थित एक निजी कंपनी मां तारिणी इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसके दो निदेशकों और अन्य के खिलाफ कथित तौर पर जनता के पैसे का फर्जीवाड़ा करने के आरोप में मामला दर्ज किया है. सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कुल 12 लोगों के नाम हैं. जानकारी के अनुसार, जिनके खिलाफ मामले दर्ज किये गये हैं, उनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम पीईसी लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एके मीरचंदानी, पीईसी के अन्य पूर्व अधिकारियों में राजीव चतुर्वेदी (पूर्व मुख्य महाप्रबंधक), डीके गुप्ता (पूर्व महाप्रबंधक), पीके भाटिया (पूर्व मुख्य विपणन प्रबंधक), एससी ऋषि (पूर्व मुख्य विपणन प्रबंधक-वित्त), रोहित वर्मा (पूर्व प्रबंधक), जीवाई दुपते (पूर्व मुख्य विपणन प्रबंधक) और सौरभ राय (पूर्व उप प्रबंधक) के साथ-साथ मां तारिणी इंडस्ट्रीज लिमिटेड और इसके निदेशकों पीयूष सेंगर, भूपेंद्र दास और मयंक धर शामिल हैं.

आरोप लगाया गया है कि आरोपी और अन्य ने आपस में साजिश रच कर जनता के पैसे का फर्जीवाड़ा किया है. सुंदरगढ़ में मां तारिणी इंडस्ट्रीज को लौह अयस्क और कोयले की घरेलू खरीद के लिए वित्त पोषण में 56.89 करोड़ रुपये की सार्वजनिक धन की धोखाधड़ी की गयी है और पीईसी लिमिटेड, नई दिल्ली को नुकसान पहुंचाया गया है. इस सिलसिले में नई दिल्ली, ठाणे (महाराष्ट्र), गुवाहाटी और गाजियाबाद (यूपी) सहित 11 स्थानों पर आरोपी के कार्यालय और आवासीय परिसरों में तलाशी ली गई, जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज आदि बरामद हुए. सीबीआई आगे की जांच जारी रखी हुई है.

सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने कहा कि दिनांक 20.06.2021 तक जिला सुंदरगढ़ (ओडिशा) स्थित उक्त निजी कंपनी को लौह अयस्क और कोयले की घरेलू खरीद के लिए वित्तपोषण में ब्याज बकाया है और जिससे पीईसी लिमिटेड, नई दिल्ली को नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि यह आरोप लगाया गया है कि आरोपी और अन्य ने आपस में एक साजिश के तहत कथित रूप से जनता के लगभग 56,89,52,416 रुपये मूलधन के रूप में हड़पने के लिए धोखाधड़ी की. जोशी ने कहा कि इस मामले में नई दिल्ली, ठाणे (महाराष्ट्र), गुवाहाटी और गाजियाबाद (यूपी) सहित 11 स्थानों पर आरोपी के कार्यालय और आवासीय परिसरों में तलाशी ली गई, जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज आदि बरामद हुए हैं.

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