कटक. कटक चहटा स्थित होटल प्रमोद कन्वेंशन में अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन की पूर्व ओडिशा प्रांत की कार्यकारिणी बैठक प्रांतीय अध्यक्ष नथमल चनानी की अध्यक्षता में संपन्न हुई. बैठक में कटक, भुवनेश्वर, जाजपुर, बालेश्वर, भद्रक आदि जगहों से प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य पधारे एवं अपने-अपने बहुमुल्य सुझाव सभा के समक्ष रखे. बैठक सुबह 11:00 बजे शुरू हुई और इसमें आगामी दिनों में अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन का पूर्वी प्रांत का किस तरह से विस्तार हो, उस पर विस्तृत चर्चा की गई. आने वाले तीन माह, छह माह और एक साल में क्या-क्या कार्यक्रम किए जाएंगे, उसकी एक रूपरेखा बनाई गई. इस बैठक का संचालन प्रांतीय महासचिव सुशील संतुका ने किया. पूर्व प्रांत के 16 जिलों में किस तरह अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन की कार्यकारिणी टीम का गठन होगा, इसपर विस्तृत चर्चा की गई.
नये स्थायी प्रकल्प किये जायें – शिवकुमार पोद्दार
इस बैठक में प्रांतीय उपाध्यक्ष बालेश्वर से पधारे शिवकुमार पोद्दार ने अपने बहुमूल्य सुझाव रखे एवं पूर्व प्रांत में कुछ इस तरह के अनूठे नए स्थाई प्रकल्प किए जाएं, जिसमें समाज में एक हम अलग छवि बना सकें, उस पर रोशनी डाली.
रमेश अग्रवाल ने दिया संगठन से जुड़ाव का सुझाव
जाजपुर से पधारे रमेश अग्रवाल ने संगठन को किस तरह से मजबूत किया जाए, परिवार को जोड़ा जाए और निरंतर हम कैसे कुछ ना कुछ कार्य करते रहे हैं, जिससे सदस्यों का संगठन के प्रति जुड़ाव रहे इस तरह के अपने सुझाव रखे.
आशियाना बनाने में सहायता प्रदान करने का सुझाव
प्रांतीय कार्यकारिणी के सदस्य कमल सिकरिया, पदम भावसिंका, राजेश झुनझुनवाला, अशोक अग्रवाल, विजय राजगढ़िया, लक्ष्मी नारायण अग्रवाल सभी ने संगठन हित में अपने तरह-तरह के सुझाव रखे, जिसमें से रक्त कोष भंडार, अग्रवाल डाटा बैंक, हमारे समाज के जो भाई लोग अपना स्थाई घर बनाने में असमर्थ हैं, उनको किस तरह एक अपना आशियाना बनाने में सहायता प्रदान किया जाए, शिक्षा के क्षेत्र में हम कैसे काम करें, उस पर चर्चा की गई. इस तरह के कार्यों के लिए विभिन्न कमेटियां बनाई जाएंगी और आगे वो इसकी रूपरेखा बनाकर काम करने का निश्चय किया गया.
महाराजा अग्रसेन जी की जयंती मनाने को लेकर चर्चा
प्रांतीय युवा मंडल के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने सर्वप्रथम 7 अक्टूबर 2021 को महाराजा अग्रसेन जी की जयंती आने वाली है, इस पर किस तरह से सरकार के नियमों को ध्यान में रखते हुए कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए हम क्या कार्य करेंगे, उसपर अपना मत रखा और चर्चा की गई. इस कार्यक्रम के लिए अलग से एक बैठक करके एक रूपरेखा बनाकर कार्यक्रम करने का निश्चय किया गया.