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पश्चिम ओडिशा में स्थापना के लिए सीधे हस्तक्षेप की मांग की
भुवनेश्वर. सुंदरगढ़ के सांसद जुएल ओराम ने पश्चिमी ओडिशा में दूसरे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया से हस्तक्षेप की मांग की है. ओराम ने बुधवार को मंडाविया को लिखे पत्र में कहा कि एनटीपीसी ने सुंदरगढ़ में सभी आधुनिक चिकित्सा उपकरणों से लैस 100 सीटों वाले मेडिकल कॉलेज और 500 बिस्तरों वाले अस्पताल का निर्माण पूरा कर लिया है.
कोविद-19 महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान मौजूदा बुनियादी ढांचे ने न केवल सुंदरगढ़, बल्कि पश्चिमी ओडिशा के आसपास के क्षेत्रों, झारखंड और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती क्षेत्रों के सामने आने वाली चुनौती को पूरा किया. साथ ही आईसीयू सुविधाओं के साथ उपचार और टीके लगाने में भी योगदान दिया है.
ओराम ने कहा कि सुंदरगढ़ के 360 किलोमीटर की परिधि के भीतर राष्ट्रीय मानक की किसी भी चिकित्सा सुविधा के अभाव में आदिवासी बहुल अनुसूचित जिले के गरीब लोगों को चिकित्सा सुविधाओं के संबंध में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए इस विषय पर और विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.
उन्होंने बताया कि ओडिशा सरकार ने दिसंबर 2013 में एनटीपीसी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया था. इसके तहत मेडिकल कॉलेज और अस्पताल चलाना था, ताकि 2016-17 के शैक्षणिक सत्र से छात्रों को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश दिया जा सके. अब एमओयू के सात साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इस संबंध में बहुत कुछ नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि अब जनता के दबाव के कारण ओडिशा सरकार ने भारत सरकार से सुंदरगढ़ में दूसरा एम्स स्थापित करने का अनुरोध किया है.
सुंदरगढ़ में दूसरे एम्स की स्थापना के लिए एक उच्चस्तरीय केंद्रीय टीम ने ओडिशा का दौरा किया है. यात्रा के दौरान ओडिशा सरकार के साथ-साथ जिला प्रशासन ने केंद्रीय टीम के समक्ष अन्य वित्तीय सहायता के साथ-साथ मौजूदा बुनियादी ढांचे से सटे 200 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है.
ओराम ने कहा कि यह मेरे सुंदरगढ़ संसदीय क्षेत्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण प्रस्तावों में से एक है और इस पर आपकी तरह और अनुकूल विचार की जरूरत है.
उन्होंने कहा कि सुंदरगढ़ संसदीय क्षेत्र के एक जनप्रतिनिधि के रूप में, मैं आभारी रहूंगा यदि आप कृपया इस मामले को व्यक्तिगत रूप से देखें. यदि आप सुंदरगढ़ में ओडिशा में दूसरे एम्स की स्थापना की व्यवस्था कर सकते है तो पश्चिमी ओडिशा के आदिवासी क्षेत्र के गरीब लोगों के लिए फायदेमंद होगा. इसके साथ-साथ झारखंड और छत्तीसगढ़ राजस्व पैदा करने वाले क्षेत्र हैं, को भी लाभ मिलेगा.