-
नहीं हो सका प्रश्नकाल, शून्यकाल व कार्यस्थन प्रस्ताव नोटिस पर चर्चा
भुवनेश्वर. ओडिशा विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन भी विपक्षी भाजपा व कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा किया. इस कारण प्रथमार्ध की बैठक में कामकाज नहीं हो सका. हंगामे के कारण प्रश्नकाल, शून्यकाल व कार्यस्थन प्रस्ताव नोटिस पर चर्चा नहीं हो सकी. विधानसभा अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक भी बुलायी, लेकिन इसका भी कोई लाभ नहीं निकला.
आज निर्धारित कार्यसूची के अनुसार, सदन की कार्यवाही शुरू हुई. विधानसभा अध्यक्ष सूर्य़ नारायण पात्र ने प्रश्नकाल का कार्यक्रम शुरू करना चाहा. तभी भाजपा व कांग्रेस के विधायक सदन के बीच में आकर हंगामा करने लगे. भाजपा विधायक अपने हाथों में बैनर लिये हुए थे. इसमें उन्होंने माहांगा डबल मर्डर मामले में कानून मंत्री प्रताप जेना के बहिष्कार व गिरफ्तारी की मांग की. वहीं कांग्रेस विधायकों ने सूखे की स्थिति को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्षी विधायकों को अपनी-अपनी सीट पर जाने तथा सदन की कार्यवाही को चलाने में सहयोग देने की अपील की, लेकिन विपक्षी विधायक नहीं माने तथा सदन में नारेबाजी करते रहे. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में गतिरोध को समाप्त करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलायी तथा सदन को 11.30 तक स्थगित कर दिया.
सबुह 11.30 बजे जब सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई, तब भी समान स्थिति रही. दोनों विपक्षी पार्टियां अपने-अपने मुद्दे कोलेकर हंगामा करते दिखीं. विधानसभा अध्यक्ष ने हंगामे के बीच सर्वदलीय बैठक के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सदन में विधायकों की चिंता को ध्यान में रखकर इस सत्र के अंत तक इस बारे में आवश्यक कार्रवाई करने के लिए उन्होंने सरकार को निर्देश दिया है. इसके बावजूद विपक्षी विधायकों का हंगामा जारी रहा. इस कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को 4 बजे तक स्थगित कर दिया.