भुवनेश्वर: ओलंपिक में आठ बार के चैंपियन भारत ने दो चरण वाले एफआईएच पुरुष क्वालीफायर्स के दूसरे मैच में शनिवार को यहां रूस को 7-1 (दो मैचों का कुल योग 11-3) से हराकर अगले साल तोक्यो में होने वाले खेलों के लिये क्वालीफाई किया। इससे पहले महिला टीम ने अमेरिका को कुल योग में 6-5 से हराकर तोक्यो ओलंपिक में अपनी जगह पक्की थी। विश्व में पांचवें नंबर पर काबिज भारतीय पुरुष टीम ने विश्व में 22वें नंबर के रूस को पहले चरण के मैच में 4-2 से हराया था।
भारत की तरफ से आकाशदीप सिंह (23वें और 29वें मिनट) और रूपिंदर पाल सिंह (48वें और 59वें) ने दो . दो जबकि ललित उपाध्याय (17वें), नीलकांत शर्मा (47वें) और अमित रोहिदास (60वें मिनट) ने एक . एक गोल दागा। रूस ने शुरुआती क्षणों में ही बढ़त बना दी थी। उसकी तरफ से यह गोल अलेक्सी सोबोलेवस्की ने किया था जिससे कुल योग में गोल अंतर केवल एक रह गया था।
भारतीय टीम धीरे धीरे लय में आयी लेकिन जब उसने खेल पर नियंत्रण बनाया तो फिर रूस को कोई मौका नहीं दिया।
इससे पहले भारतीय पुरुष हाकी टीम ने पहले मैच में रूस को 4-2 से हरा दिया था। इस मैच में भारतीय टीम भले ही उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सकी लेकिन मनदीप सिंह के दो गोल की बदौलत भारतीय टीम जीतने में सफल हो गई। मनदीप ने 24वें और 53वें मिनट में दो मैदानी गोल दागे जबकि हरमनप्रीत सिंह (5वें मिनट) और एसवी सुनील (48वें मिनट) ने भी भारत की ओर से एक-एक गोल किया।
इसी तरह कप्तान रानी रामपाल के 48वें मिनट में किये गये गोल से भारतीय महिला हाकी टीम ने अमेरिका के खिलाफ एफआईएच क्वालीफायर्स के दूसरे चरण के मैच में 1-4 से हारने के बावजूद कुल योग में 6-5 से जीत दर्ज करके अगले साल तोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों में अपनी जगह पक्की की। भारतीय टीम ने शुक्रवार को अमेरिका को 5-1 से करारी शिकस्त दी थी लेकिन शनिवार को उसने लचर खेल दिखाया। अमेरिका ने पहले हाफ में 4-0 की बढ़त लेकर कुल स्कोर 5-5 से बराबर कर दिया था। ऐसे में कप्तान रानी रामपाल ने 48वें मिनट में गोल दागा जो कि महत्वपूर्ण साबित हुआ। भारतीय टीम ने आखिरी क्षणों तक अपनी कुल बढ़त को बरकरार रखा। अमेरिकी टीम की तरफ से अमांडा मैगडान ने दो (पांचवें और 28वें मिनट) जबकि कप्तान कैथलीन शार्की (14वें) और अलीसा पारकर (20वें मिनट) ने एक एक गोल किया। भारतीय महिला टीम ने 1980 में मास्को ओलंपिक में भाग लिया था और इसके 36 साल बाद रियो ओलंपिक खेलों में जगह बनायी थी। इस तरह से वह लगातार दूसरी बार ओलंपिक के लिये क्वालीफाई करने में सफल रही। भारतीय टीम आत्ममुग्ध दिखी और अमेरिका ने इसका फायदा उठाया। पहले मैच में करारी हार के बाद अमेरिकी टीम पूरी प्रतिबद्धता के साथ मैदान पर उतरी और उसके खेल में भी इसकी साफ झलक दिखी। उसने पहले क्वार्टर में न सिर्फ दबदबा बनाये रखा बल्कि इस बीच दो गोल भी दागे। भारतीयों के पास अमेरिका के लगातार हमलों का कोई जवाब नहीं दिख रहा था। शुक्रवार की तुलना में भारत के लिये परिस्थितियां पूरी तरह से बदली हुई दिख रही थी और उसकी टीम को गेंद पर नियंत्रण रखने के लिये संघर्ष करना पड़ रहा था। अमेरिका को शुरू में ही दो पेनल्टी कार्नर मिले लेकिन वह इसका फायदा नहीं उठा पाया। उसकी टीम ने हालांकि आक्रामक रवैया अपनाये रखा जिसका फायदा उसे पांचवें मिनट में मिला जब मैगडान ने पेनल्टी कार्नर को गोल में बदला। इसके बाद भी अमेरिका ने दबदबा बनाये रखा और 13वें मिनट में अपनी बढ़त दोगुनी कर दी। तब अमेरिकी कप्तान शार्की ने रक्षापंक्ति की गलती का फायदा उठाकर गोल किया। दूसरे क्वार्टर में भी अमेरिका ने अपना दबदबा बनाये रखा और जल्द ही अपनी बढ़त 3-0 कर दी। पारकर ने डेनिली ग्रेगा के पास पर यह गोल दागा। इसके दो मिनट बाद भारत को लगातार दो पेनल्टी कार्नर मिले लेकिन वह इनका फायदा नहीं उठा पाया। इसके तुरंत बाद नवनीत कौर को पीला कार्ड दिखाया गया। ऐसे में अमेरिका ने मैगडान के लिये मौका बनाया और उन्होंने गोल करने में कोई गलती नहीं की। तीसरे क्वार्टर में दोनों टीमें गेंद पर नियंत्रण बनाये रखने के लिये संघर्ष करती दिखी। भारतीय टीम ने इस बीच लय हासिल करने की कोशिश की। भारत ने इस बीच 40वें और 43वें मिनट में पेनल्टी कार्नर भी हासिल किये लेकिन फिर से ये बेकार चले गये। भारत ने चौथे क्वार्टर में वापसी के संकेत दिखाये। स्ट्राइकर रानी ने 48वें मिनट में ढीली गेंद पर गोल करके भारत को महत्वपूर्ण बढ़त दिला दी। अमेरिका को अंतिम हूटर बजने से पहले पेनल्टी कार्नर मिला लेकिन भारत ने रेफरल लिया जिससे फैसला बदल दिया गया।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने दोनों टीमों को बधाई दी है।