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पूजा समितियों को आयोजन के लिए लेनी होगी बीएमसी की अनुमति
भुवनेश्वर. भुवनेश्वर नगर निगम में राजधानी में लगातार दूसरे साल भी सार्वजनिक गणेश उत्सव के आयोजन पर पावंदी लगा दी है. हालांकि परंपरा निर्वहन के लिए पूजा समितियां भुवनेश्वर नगर निगम से अनुमति लेकर नियमानुसार पूजा कर सकती हैं, लेकिन इसमें सार्वजनिक भागीदारी की अनुमति नहीं होगी. 10 सितंबर को मनाई जाने वाली गणेश पूजा को लेकर भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) ने दिशानिर्देश जारी किया है.
जानकारी के अनुसार, गणेश पूजा के अवसर पर पूजा समितियां या आयोजक सभी कोविद-19 प्रोटोकॉल जैसे सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना, उचित सेनिटाइजेशन आदि का पालन करते हुए मंडपों या पंडालों में गणेश पूजा कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें पुलिस आयुक्त द्वारा अधिकृत अधिकारी से अनुमति लेनी होगी. इसके बाद इनडोर जैसी पूजा करने की छूट होगी. पूजा बिना किसी सार्वजनिक भागीदारी, धूमधाम और भव्यता के केवल अनुष्ठानों के पालन के लिए आयोजित की जाएगी. पूजा मंडपों या पंडालों को तीन तरफ से ढंकना होगा और एक तरफ केवल पुजारी द्वारा अनुष्ठान के उपयोग के लिए खोला जाना चाहिए. इस चौथे तरफ को भी अच्छी तरह से ढक दिया जाना चाहिए, ताकि भक्त मूर्तियों के सार्वजनिक दर्शन आकर्षित न हों. मूर्ति का आकार 4 फीट से कम होना चाहिए. पूजा के दौरान या किसी अन्य समय सार्वजनिक संबोधन प्रणाली, जैसे माइक या साउंड बॉक्स का उपयोग नहीं किया जाएगा. पंडाल में अधिक सात लोगों को रहने की अनुमति होगी, जिसमें आयोजक, पुजारी और सहायक कर्मचारी भी शामिल होंगे. इस दौरान उपस्थित सभी लोगों को सख्त कोविद-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. साथ ही आयोजक यह सुनिश्चित करेंगे कि केवल उन्हें ही पूजा में शामिल होने दिया जाये, जिन्हें कोरोना टीका का दोनों डोज लगा हो. प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए शोभायात्रा निकालने की अनुमति नहीं होगी. मूर्तियों को बीएमसी द्वारा बनाए जाने वाले कृत्रिम तालाबों में विसर्जित किया जाएगा.
शैक्षणिक संस्थान या प्रशिक्षण संस्थानों में उपरोक्त मानदंडों का पालन करते हुए गणेश पूजा की जाएगी. प्रतिभागियों की अधिकतम संख्या 20 होगी और सभी को कोविद-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा. पूजा के अवसर पर किसी भी प्रकार का भोज या प्रसाद सेवन नहीं किया जाएगा. शैक्षणिक या प्रशिक्षण संस्थान के प्रमुख यह सुनिश्चित करेंगे की 18 साल से कम आयु के बच्चे शामिल न हों तथा शामिल होने वाले लोग पूरी तरह से कोरोना का दोनों टीका ले चुके हों.