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डा अच्युत सामंत डा एपीजे अब्दुल कलाम के रिकॉर्ड की बराबरी से मात्र एक कदम पीछे  

  • डा सामंत को वीएफएसटीआर डीम्ड विश्वविद्यालय वाड्लामुडी गुंटुर से मानद डाक्टरेट की उपाधि

  • प्रोफेसर अच्युत सामंत के नाम हुई कुल 47 मानद डाक्टरेट की डिग्री

  • स्वर्गीय राष्ट्रपति भारतरत्न डा.एपीजे अब्दुल कलाम के नाम रहा है अबतक लगभग 48 मानद डाक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने का रिकार्ड

अशोक पाण्डेय, भुवनेश्वर

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित कीट-कीस दो डीम्ड विश्वविद्यालयों के संस्थापक तथा कंधमाल लोकसभा सांसद प्रोफेसर अच्युत सामंत को 28 अगस्त को विग्नान फाउण्डेशन फार साइंस, टेक्नालॉजी एण्ड रिसर्च (वीएफएसटीआर) डीम्ड विश्वविद्यालय, गुंटुर ने उनकी असाधारण शैक्षिक पहल कीट-कीस के लिए मानद डाक्टरेट की उपाधि से नवाजा है. मानद डाक्टरेट की यह डिग्री प्रोफेसर अच्युत सामंत के नाम 47वीं मानद डाक्टरेट की डिग्री के रूप में रही है. गत 8 मई को 46वीं मानद डाक्टरेट की डिग्री सिक्किम विश्वविद्यालय ने अपने 5वें दीक्षांत समारोह में प्रोफेसर अच्युत सामंत को प्रदान की थी. प्राप्त जानकारी के अनुसार अबतक भारत के स्वर्गीय राष्ट्रपति भारतरत्न डा.एपीजे अब्दुल कलाम के नाम ही लगभग 48 मानद डाक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने का रिकॉर्ड रहा है. अब इस रिकॉर्ड की बराबरी से मात्र एक कदम पीछे हैं प्रोफेसर अच्युत सामंत. गौरतलब है कि पिछले लगभग 30 सालों से कीट-कीस के माध्यम से प्रोफेसर अच्युत सामंत विश्व युवावर्ग के आदर्श बने हुए हैं. 1992-93 में उन्होंने अपनी कुल जमा पूंजी मात्र पांच हजार रुपये से मात्र 125 बच्चों के साथ भुवनेश्वर में एक किराये के मकान में कीट-कीस का आरंभ किया था. भाग्य और पुरुषार्थ के धनी प्रोफेसर अच्युत सामंत ने बिना किसी सरकारी सहयोग के आज कीट को पूर्वी भारत का महान तकनीकी डीम्ड विश्वविद्यालय बना दिया है, जबकि उनकी सबसे लोकप्रिय संस्था कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (कीस) आज विश्व का प्रथम आदिवासी आवासीय डीम्ड विश्वविद्यालय बनकर पूरे विश्व के आकर्षण का केन्द्र बन चुकी है. यहां पर निःशुल्क समस्त आवासीय सह शैक्षिक सुविधाओं के साथ ईमानदार, जिम्मेदार, चरित्रवान, कर्तव्यपरायण, स्वावलंबी तथा प्रोफेसर अच्युत सामंत जैसे निःस्वार्थ समाजसेवी मानव का निर्माण हो रहा है. इसे देखने के लिए पूरी दुनिया हजारों की संख्या में वैज्ञानिक, शिक्षाविद्, शोधकर्ता, राजनेता, भामाशाह तथा समाजसेवी आते हैं. कीस मानवतावादी पुरस्कार से अनेक नोबेल पुरस्कार विजेता तथा तिब्बतियन धर्मगुरु दलाई लामा जैसे अनेक विश्व की विभूतियां सम्मानित हो चुकी हैं. प्रोफेसर अच्युत सामंत द्वारा स्थापित कीस के लगभग 09 लाख अनाथ, बेसहारा और गरीब आदिवासी बच्चे अबतक स्वावलंबी बन चुके हैं. 28 अगस्त को मिली मानद डाक्टरेट की डिग्री पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रोफेसर अच्युत सामंत ने कहा कि वे प्रोफेसर के. रामामूर्ति नायडु, मैनेजमेंट बोर्ड के माननीय सदस्यगण, डीम्ड विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, डा एमवाईएस प्रसाद, कुलपति तथा डा. लवु रथैया, चेयरमैन, वीएफएसटीआर डीम्ड विश्वविद्यालय के प्रति अपना सादर आभार व्यक्त करते हैं.

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