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देश में रोजोना चार से पांच लाख तथा ओडिशा में 14 हजार से ऊपर होंगे संक्रमित
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राज्य में लगभग सात सौ आईसीयू बेड या वेंटिलेटर की होगी जरूरत
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डीएमईटी के प्रमुख डॉ सीबीके मोहंती ने कहा-राज्य पूरी तरह से तैयार
भुवनेश्वर. कोविद-19 की तीसरी लहर के दौरान बच्चों में संक्रमण की संख्या अधिक होगी, क्योंकि वयस्कों में टीकाकरण या पिछले संक्रमण के कारण प्रतिरक्षा विकसित हो गई है. यह जानकारी चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण निदेशक सीबीके मोहंती ने सोमवार को देते हुए कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार सितंबर-अक्टूबर के दौरान देश में कोविद-19 के दैनिक मामले लगभग 4 से 5 लाख तक पहुंच जाएंगे.
उन्होंने कहा कि ओडिशा की जनसंख्या राष्ट्रीय जनसंख्या का 3.6 प्रतिशत है. यदि राष्ट्रीय स्तर पर दैनिक मामले बढ़कर 4 लाख हो जाते हैं, तो राज्य में यह लगभग 14,400 हो जाएगा. मोहंती ने बताया कि आंकड़ों के मुताबिक, आईसीयू बेड या वेंटिलेटर की 2.2 फीसदी यानी रोजाना करीब 70 बेड की जरूरत होगी. अगर कोई मरीज 10 दिन तक भर्ती रहता है तो 700 बेड की जरूरत पड़ेगी. इसके लिए राज्य सरकार पहले से ही तैयार है. इसके अलावा, यह महामारी की प्रगति पर विशेषज्ञों के साथ भी परामर्श कर रहा है. विशेषज्ञों की पैनल समिति द्वारा प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को सौंपी गई हालिया रिपोर्ट पर प्रकाश डालते हुए ओडिशा में चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण निदेशालय (डीएमईटी) के प्रमुख डॉ सीबीके मोहंती ने कहा कि राज्य पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय द्वारा गठित राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) के विशेषज्ञों के एक पैनल ने हाल ही में सितंबर और अक्टूबर में कोविद-19 महामारी की संभावित तीसरी लहर के बारे में पीएमओ को एक रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में विस्तार से बताया गया है कि महामारी संभवतः अक्टूबर में अपने चरम पर पहुंच जाएगी और सबसे अधिक संभावना बच्चों को प्रभावित करेगी. ऐसे में बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित होने पर डॉक्टर, स्टाफ, वेंटिलेटर और एंबुलेंस जैसे चिकित्सा उपकरण समेत देश में बाल चिकित्सा सुविधाएं पर्याप्त नहीं होंगी.
हालांकि मोहंती ने कहा कि ओडिशा सरकार किसी भी प्रकोप से निपटने के लिए सभी बुनियादी ढांचे और रसद को समय से पहले स्थापित करने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि लोगों को पहले से कहीं अधिक सावधान रहने की जरूरत है और तीसरी लहर को रोकने के लिए पूरी लगन से कोविद के मानदंडों का पालन करना चाहिए.