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प्रवेश के लिए कोरोना का डबल डोज टीका अनिवार्य
भुवनेश्वर. ओडिशा की राजधानी स्थित प्रभु लिंगराज का मंदिर एक सितंबर से भक्तों के दर्शन के लिए फिर से खुल जायेगा. अप्रैल महीने से शुरू हुई कोविद महामारी की दूसरी लहर के बाद से महीनों तक आम जनता के लिए यह मंदिर बंद रहा.
यह जानकारी आज यहां मीडिया को ब्राह्मण नियोग के सचिव बिरंची नारायण पति ने दी. उन्होंने बताया कि मंदिर एक सितंबर से भक्तों के लिए फिर से खुल जाएगा. भक्त अदाकथा से भगवान लिंगराज के दर्शन कर सकते हैं. किसी भी भक्त को गर्भ गृह में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. उन्होंने बताया कि मंदिर में प्रवेश के लिए डबल डोज कोविद टीकाकरण का प्रमाणपत्र अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा कोविद के उचित नियमों, जैसे मास्क पहनना, सामाजिक दूरी और प्रवेश से पहले हाथों को सेनिटाइज करना अनिवार्य होगा.
उन्होंने बताया कि एक सितंबर से भक्तों के लिए मंदिर को फिर से खोलने का निर्णय लिंगराज मंदिर ट्रस्ट बोर्ड की बैठक के बाद लिया गया है. इस बैठक में खुर्दा के जिलाधिकारी, एडीएम भुवनेश्वर, सबकलेक्टर, ट्रस्ट बोर्ड के अन्य सदस्य, ब्राह्मण नियोग के सचिव, बाड़ू नियोग और अन्य हितधारकों ने भाग लिया.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले इस महीने की नौ तारीख को जारी एक अधिसूचना में भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) ने स्थानीय समीक्षा के आधार पर उचित कोविद-19 प्रतिबंधों के साथ मंदिर, मस्जिद, चर्च और अन्य सहित सभी धार्मिक संस्थानों को जनता के लिए फिर से खोलने की अनुमति दी थी. इससे पहले स्थिति की समीक्षा करने और प्रासंगिक हितधारकों के परामर्श लेने की सलाह दी गयी थी. साथ ही यह निर्देश दिया गया था कि किसी भी भक्त को मंदिर क्षेत्र के गर्भ गृह के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी और सुरक्षित दूरी से ही दर्शन की अनुमति दी जाएगी. मंदिर में कोई भी प्रसाद नहीं चढ़ाया जायेगा.
इस अधिसूचना में बीएमसी ने कहा था कि लिंगराज मंदिर प्रशासन इस महीने की 23 तारीख को या उसके बाद उनके मंदिर के खोलने के लिए उचित निर्णय ले सकता है. बीएमसी ने कहा था कि वह मंदिर के बाहर जरूरी बैरिकेडिंग करेगी और जनता की आवाजाही पर नियंत्रण और प्रतिबंध के लिए इसे पुलिस को सौंपेगी. लिंगराज मंदिर में किसी भी समय अधिकतम 100 लोगों को जाने की अनुमति होगी. सिंघद्वार से अदाकथा तक श्रद्धालुओं के प्रवेश की अनुमति होगी.