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राज्य में हालात जानने के लिए 12 जिलों में होगा सीरो सर्वेक्षण
भुवनेश्वर: पूरे भारत में 0-10 वर्ष के आयु वर्ग में संक्रमण दर औसतन 3.5% रही है तथा 10-18 वर्ष के आयु वर्ग में यह लगभग 8-8.5% रही है. कुल मिलाकर यह पहली लहर में 12-13 और दूसरी लहर में समान रही. अब भी वही रह गया है. यह जानकारी राज्य के जन स्वास्थ्य निदेशक डॉ निरंजन मिश्र ने दी. उन्होंने बताया कि ओडिशा में लोगों की समग्र प्रतिरक्षा स्थिति का आकलन करने के लिए राज्य के 12 जिलों में सीरो सर्वेक्षण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि एंटीबॉडी स्तर या सामूहिक प्रतिरक्षा स्थिति का आकलन करने के लिए सीरो सर्वेक्षण किया जाएगा, जिसमें सभी श्रेणियों के लोग शामिल होंगे. यह रैंडमाइजेशन के जरिए किया जाएगा. इसमें बच्चे भी शामिल होंगे. सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक ने बताया कि राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण में ओडिशा के केवल तीन जिलों को शामिल किया गया था, अब यह राज्य के 12 जिलों में किया जाएगा. पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए जन स्वास्थ्य निदेशक ने कहा कि कोविद की पहली लहर औसतन 12% बच्चे प्रभावित हुए और दूसरी लहर में भी ऐसा ही रहा. डॉ मिश्र ने कहा कि दूसरी लहर में 0-18 वर्षों में संक्रमितों की संख्या का विवरण जारी किया जा रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या कोई पर्याप्त वृद्धि हुई है. उन्होंने तैयारियों के पर आश्वासन दिया कि सरकार कोविद की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए तैयार है. चाहे वह रसद हो, दवाएं हो, बिस्तर हो तथा कर्मियों का प्रशिक्षण आदि हो. उन्होंने कहा कि फिलहाल घबराने की कोई बात नहीं है. कोई भी गंभीर नहीं है.
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने हाल ही में 12 जिलों में आईसीएमआर-क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी), भुवनेश्वर द्वारा राज्य स्तरीय सीरोलॉजिकल निगरानी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है. संबलपुर, सुंदरगढ़, झारसुगुड़ा, केंदुझर, खुर्दा, पुरी, बालेश्वर, मयूरभंज, जाजपुर, कंधमाल, कलाहांडी और नवरंगपुर जिलों में सीरोलॉजिकल निगरानी की जाएगी. सर्वेक्षण पर कुल 57,70,500 रुपये खर्च किये जायेंगे.