नई दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना में वैश्विक महामारी कोविड-19 और महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण कार्य पूरा नहीं होने से देरी हो रही है। महाराष्ट्र में संपूर्ण भूमि अधिग्रहण के बाद परियोजना की संशोधित समय सीमा तय की जा सकती है। परियोजना पर अब तक 14,153 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) परियोजना में कोविड-19 वैश्विक महामारी के दुष्प्रभाव और महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण और हस्तांतरण में धीमी प्रगति के कारण विलंब हुआ है।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार द्वारा शेष भूमि के अधिग्रहण में तेजी लाने के लिए हर स्तर पर नियमित रूप से अनुवर्ती कार्रवाई की जा रही है। महाराष्ट्र में संपूर्ण भूमि के अधिग्रहण के बाद परियोजना को पूरा करने के लिए संशोधित समय सीमा तय की जा सकती है।वैष्णव ने बताया कि चालू वर्ष 2021-22 में परियोजना के लिए बजट आवंटन 14,000 करोड़ रुपये है और चालू वर्ष में अब तक 2,090 करोड़ रुपये व्यय किया गया है। इस परियोजना पर अब तक 14,153 करोड़ रुपये का संचयी व्यय हुआ है।उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने जापानी समकक्ष शिंजो आबे के साथ 14 सितंबर 2017 में 508.17 किलोमीटर लंबी मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना की आधारशिला रखी थी। बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का 155.76 किमी हिस्सा महाराष्ट्र में, 348.04 किमी गुजरात में और 4.3 किमी दादरा एवं नगर हवेली में है। यह कुल 1.08 लाख करोड़ रुपये की परियोजना है। बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद की यह दूरी 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से महज दो घंटे में पूरी करेगी। मौजूदा समय में इस सफर में ट्रेनों को सात घंटे से अधिक समय लगता है। परियोजना को पूरा करने के लिए 2023-24 की समय सीमा निर्धारित है।
साभार – हिस