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बीजद के पीठ थपथपाने पर भाजपा और कांग्रेस ने साधा निशाना
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बीजद शासन के 21 वर्षों में राज्य के लोग अभी भी पीने के पानी से वंचित
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लगभग 70 प्रतिशत आबादी को अभी भी सुरक्षित पेयजल उपलब्ध नहीं
भुवनेश्वर. राज्य में सुजल ड्रिंक फ्रॉम टैप मिशन को लेकर राजनीति गरमा गई है. इस योजना को लेकर बीजद के पीठ थपथपाने पर भाजपा और कांग्रेस ने निशाना साधा है. दोनों पार्टियों ने दावा किया है बीजद शासन के 21 वर्षों में राज्य के लोग अभी भी पीने के पानी से वंचित हैं तथा लगभग 70 प्रतिशत आबादी को अभी भी सुरक्षित पेयजल उपलब्ध नहीं है. ओडिशा सरकार ने सोमवार को पुरी में सुजल ड्रिंक फ्रॉम टैप मिशन की शुरुआत के बाद अपनी पीठ थपथपाने की कोशिश की.
राज्य सरकार के अनुसार, पुरी शहर अब लंदन, न्यूयॉर्क और सिंगापुर जैसे अंतर्राष्ट्रीय शहरों की लीग में शामिल हो गया है, जहां चौबीसों घंटे नगरपालिका के नलों से गुणवत्तापूर्ण पीने योग्य पेयजल की आपूर्ति कराया जा रहा है.
हालांकि बीजद शासित राज्य में प्रमुख विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि ओडिशा में लगभग 69 प्रतिशत घरों में अभी भी पाइप से पीने के पानी की सुविधा नहीं है. हालांकि ओडिशा सरकार पहले 16 शहरों में महत्वाकांक्षी सुजल परियोजना को लागू करने और सभी शहरी क्षेत्रों में इसका विस्तार करने की योजना का दावा कर रही है. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि इस तरह की पहल राज्य में आगामी पंचायत और शहरी स्थानीय निकाय चुनावों को ध्यान में रखते हुए की गई है.
भाजपा विधायक मोहन मांझी ने कहा कि बीजद के 21 वर्षों के शासन में राज्य के लोग अभी भी पीने के पानी से वंचित हैं. लगभग 70 प्रतिशत आबादी को अभी भी सुरक्षित पेयजल उपलब्ध नहीं है. उन्होंने आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए सोमवार को यह परियोजना शुरू की है. उन्होंने कहा कि लोकसभा में सांसद बसंत पंडा द्वारा उठाए गए एक प्रश्न के जवाब में जल शक्ति मंत्री ने जो बयान दिया था, उसके अनुसार ओडिशा के 85.67 लाख ग्रामीण परिवारों में से केवल 26.49 लाख घरों में पानी का कनेक्शन या नल का पानी की आपूर्ति की गई है, जो कि 30.93 प्रतिशत है. यह डेटा स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि ओडिशा में लगभग 69 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों के पास अभी भी पाइपलाइन नेटवर्क के माध्यम से उचित पानी का कनेक्शन नहीं है.
उन्होंने कहा कि ओडिशा सरकार ने 2021-22 में जल जीवन मिशन के तहत केंद्र द्वारा आवंटित कुल 3,323.42 करोड़ रुपये में से 830.85 करोड़ रुपये निकाले हैं. इधर, शहरी एवं आवास विकास विभाग के आंकड़े कहते हैं कि 112 शहरी क्षेत्रों के कुल घरों में से लगभग 30.31 फीसदी घरों में जलापूर्ति की जा चुकी है.
इधर, ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक नौटंकी है, क्योंकि राज्य सरकार में लोगों के लिए कुछ करने का इरादा नहीं है.
विपक्षी दलों द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए पंचायती राज और पेयजल विभाग मंत्री प्रताप जेना ने कहा कि 2024 तक हम ग्रामीण क्षेत्रों के हर घर में नल के माध्यम से पीने का पानी उपलब्ध कराएंगे. मार्च 2022 तक, 114 शहरी स्थानीय निकायों के लोगों को नल के माध्यम से सुरक्षित पेयजल उपलब्ध होगा.