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अतिरिक्त मुख्य सचिव, ओडिशा के डीजीपी, कारागार महानिदेशक और भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी
भुवनेश्वर. ओडिशा मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को गैंगस्टर एसके हैदर अली की पुलिस मुठभेड़ का स्वत: संज्ञान लिया है. इसने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, ओडिशा के डीजीपी, कारागार महानिदेशक और भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी की है और उन्हें चार सप्ताह की अवधि के भीतर मामले में अपनी-अपनी रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है. इस मामले की सुनवाई 6 सितंबर को रखी गई है.
आयोग ने मीडिया में आई खबरों के आधार पर मामले को संज्ञान में लिया. विभिन्न प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित समाचार के अनुसार, हैदर को 24 जुलाई को चौद्वार सर्कल जेल से बारिपदा सेंट्रल जेल में स्थानांतरित किया जा रहा था.
दोपहर 3.20 बजे जब हैदर को एस्कॉर्ट पार्टी द्वारा ले जाया गया, तो सिमुलिया में उसने एस्कॉर्ट पार्टी के एक सदस्य से बंदूक छीनकर भागने का प्रयास किया और पुलिस पार्टी पर गोली चलाने की धमकी दी और उसने पुलिस को उस पर गोली चलाने के लिए मजबूर किया. घायलावस्था में उसे तुरंत बालेश्वर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. उसकी पत्नी हत्या का आरोप लगाया है. उसने आरोप लगाया है कि पुलिस ने मेरे पति को जेल से बाहर निकाला और बीच रास्ते में ही यह कहकर मार डाला कि उसने भागने की कोशिश की थी. जेलर और अन्य हत्या में शामिल थे. उसने कहा है कि पुलिस आमतौर पर जब कोई आरोपी उनकी हिरासत से भागने का प्रयास करता है, तो पैरों को निशाना बनाती है. पुलिस मुठभेड़ों के दौरान दिल और सिर कभी लक्ष्य नहीं रहता है. उसने कहा कि हमारी जानकारी के बिना उसे जेल से बाहर निकाला और उसे मार डाला. उसने कहा कि मेरे पति की मौत के लिए सरकार जिम्मेदार है. मुझे न्याय चाहिए. इस मामले को ओडिशा मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया है.