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लोगों को मिलेगा 24X7 नल का पानी
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भंडारण या फिल्टर की कोई आवश्यकता नहीं
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‘सुजल-ड्रिंक फ्रॉम टैप मिशन’ का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ
पुरी. महाप्रभु श्री जगन्नाथ का निवास स्थल पुरी आज विश्वस्तीय पेय जलापूर्ति की सुविधा को लेकर लंदन, न्यूयॉर्क और सिंगापुर की बराबरी में आ गया है. यहां अब लोगों को पीने के लिए न तो पानी को फिल्टर करने की जरूरत होगी और ना ही इसे भरकर रखने की चिंता. यहां लोगों को 24X7 नल से शुद्ध पानी आपूर्ति की जायेगी.
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सोमवार को पुरी शहर के निवासियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए ‘सुजल-ड्रिंक फ्रॉम टैप मिशन’ समर्पित किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि आज के दिन ने ओडिशा के विकास के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है. भगवान महाप्रभु श्री जगन्नाथ के निवास पुरी के सभी परिवारों को आज से नल से पीने का स्वस्छ पानी मिलेगा. ड्रिंक फ्रॉम टैप-सुजल मिशन के तहत आप सीधे नल से पीने के लिए पानी ला सकेंगे. भंडारण या फिल्टर की कोई आवश्यकता नहीं है. नल का पानी 24X7 उपलब्ध होगा. पुरी देश का पहला शहर है, जिसने ड्रिंक फ्रॉम टैप प्रोजेक्ट को लागू किया है. महाप्रभु का निवास स्थल सबसे आगे है. मेट्रो शहरों में भी यह सुविधा नहीं है. आज पुरी दुनिया के सबसे बड़े शहरों की लीग में यह शामिल हो गया है, जिनमें लंदन, न्यूयॉर्क और सिंगापुर शामिल हैं.
मुख्यमंत्री ने राज्य के आवास एवं शहरी विकास विभाग को धन्यवाद देते हुए कहा कि नौ महीने के भीतर पुरी में 2.5 लाख लोगों को नल से पेय की सुविधा मिलेगी, जिससे पुरी में सालाना आने वाले 2 करोड़ पर्यटकों को भी लाभ होगा. पर्यटकों को अब पानी की बोतलें लेकर इधर-उधर नहीं घूमना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि बड़दांड समेत शहर के 400 स्थानों पर पानी के फव्वारे लगाए गए हैं, जिससे शहर को 400 मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरे से बचाया जा सकेगा.
पटनायक ने कहा कि यह 5टी ट्रांसफॉर्मेटिव इनिशिएटिव का सबसे अच्छा मॉडल है. अच्छे पेयजल का स्वास्थ्य, जीवन स्तर और अर्थव्यवस्था से गहरा संबंध है. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे कभी भी पानी को बर्बाद या प्रदूषित न करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच साल में पेयजल का बजट दोगुना कर दिया गया है और 200 करोड़ रुपये का बजट आज 4,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है.
उहोंने कहा कि 15 से अधिक शहरी क्षेत्रों में 15 लाख से अधिक लोगों के लिए पीने के पानी की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए पिछले साल 13 अक्टूबर को सुजल मिशन शुरू किया गया था.
इसमें शिकायत निवारण के लिए आईवीआरएस के साथ 24/7 हेल्पलाइन केंद्र, मोबाइल जल परीक्षण प्रयोगशाला का उद्घाटन और जल आपूर्ति शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए त्वरित प्रतिक्रिया टीम शामिल है.
राज्य सरकार ने मार्च 2022 तक ओडिशा के सभी शहरी क्षेत्रों को कवर करने की योजना बनाई है, जिससे राज्य भारत में ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया है.