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गंजाम के जिलाधिकारी विजय अमृत कुलांगे की है प्रेरक कहानी
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डाक्टर बनने की राह में गरीबी बनी बाधा, प्रेम का प्रोजल भी हुआ रिजेक्ट
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शिक्षक बनने के बाद आईएएस बने विजय अमृत कुलांगे
शिवराम चौधरी, ब्रह्मपुर
बुलंद हौसलों के बल पर गरीबी की कब्र को लांघ और प्रेम के रिजेक्ट होने की यादों को छोड़कर आगे निकला एक युवक आज एक जिले का मालिक बन गया है. जिंदगी की शुरुआत में जिस गरीबी ने उसके राह में बाधों की ढेर खड़ी की थी, आज वही बालक गरीबों के लिए मसीहा बना हुआ है. वह अपनी आधुनिक सोच और योजनाओं के क्रियान्वयन से गरीबों के दिलों पर राज कर रहा है.
यह सफल बालक कोई और नहीं गंजाम के जिलाधिकारी विजय अमृत कुलांगे हैं. गरीबी व प्रेम के रिजेक्ट की पृष्ठिभूमि पर विजय अमृत कुलांगे ने अपने सुनहरे भविष्य की बीज रोपण किया. कलेक्टर विजय अमृत कुलांगे पृष्ठभूमि काफी संघर्षपूर्ण रही है. उनके पिता एक दर्जी हैं, जबकि उनकी मां एक दिहाड़ी मजदूर थीं.
कुलंगे ने शुरू में एक डॉक्टर बनने का लक्ष्य रखा था, लेकिन उनके सामने सबसे बड़ी बाधा उनके परिवार की आय थी. हालांकि उन्होंने शैक्षणिक योग्यता हासिल कर ली थी, लेकिन गरीबी की मार के कारण वह मेडिकल में दाखिला नहीं ले पाये, क्योंकि चार से छह साल तक महंगी फीस भरने के लिए कोई भी तैयार नहीं था. बावजूद इसके उनका हौसला नहीं टूटा तथा वे आत्मनिर्भर बनने और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए सदैव अग्रसर रहे. कुलांगे ने शिक्षा में डिप्लोमा (डी.एड) किया और एक प्राथमिक शिक्षक बन गए, लेकिन हौसलों में लंबी ऊड़ान की सोच जिंदा रही है. इस दौरान जवानी के दिनों में एक लड़की को प्रपोज भी किया था, लेकिन उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया था. हालांकि इससे उन्हें अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिली और फिर अध्ययन में जुट गये. बाद में कुलांगे ने सिविल सेवा परीक्षा में बैठने का फैसला किया. शिक्षक के रूप में अपना नियमित कार्य जारी रखते हुए वे अपने खाली समय में सुबह और शाम को अध्ययन करते रहे. तैयारी के दौरान उनके परिवार ने उनका काफी साथ दिया और उनके हौसले को फीका नहीं होने दिया.
अंत में उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा को पास किया. फिर वह जिलाधिकारी की कुर्सी तक आ पहुंचे जो जिले का मालिक होता है. इस दौरान उन्होंने अपने संघर्षों और जीवन में सफलता को याद किया और इसे ‘आजचा दिवस मजा’ (मराठी) पुस्तक में लिखा.
उन्होंने इसको ओड़िया में ‘अजीरा दिनती मोरा’ पुस्तक लिखी, जिसमें उन्होंने अपने पिछले जीवन की यादों को उकेरा है. इस पुस्तक का विमोचन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने किया है. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह युवाओं के लिए प्रेरणादायी पुस्तक साबित होनी चाहिए.
उल्लेखनीय है कि गंजाम के जिलाधिकारी विजय अमृत कुलांगे अपनी जिंदा दिली और कार्यशैली के कारण जनता के बीच काफी लोकप्रिय हैं. उन्हें एक जिम्मेदार और कुशल प्रशासक के रूप में जाना जाता है. कोरोना महामारी की पहली लहर में उनके कई मानवीय चेहरे देखने को मिले. कभी लोगों को समझाते समय हाथ जोड़े हुए तो कभी दूसरों के छोटे बच्चों को खिलाते हुए, तो कभी खेतों में धान की रोपनी करते हुए देखा गया. इतना ही नहीं उनके नेतृत्व में गंजाम में लाखों लोगों की जान बचाने और दुनियाभर में एक रोल मॉडल स्थापित करने के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सफलता मिली है. प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में भी उनके प्रयास प्रशंसनीय रहे हैं. अपनी दूरदर्शी सोच और जिले के लोगों के सहयोग से गंजाम ने सभी क्षेत्रों में पहला स्थान बनाए रखा है. उन्होंने गंजाम में कोरोना से लड़ने के लिए कई अभिनव कदम उठाए हैं. डोर-टू-डोर मेगा स्वास्थ्य जांच अभियान, कोरोना की संभावित तीसरी लहर की खबर के बीच पहली बार जिले में बाल स्वास्थ्य जांच अभियान, संक्रमण रोकने के लिए पड़ोसी सीमाओं को सील करना, मनरेगा में प्रवासियों को रोजगार, दुकानदारों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करना, घर-घर जाकर ऑक्सीजन स्तर की जांच, बच्चों के लिए एक दिन, निर्भया कढ़ी, मो गेल्हा झिअ, मेरे गांव में तहसील, मो निवेदन कार्यक्रम, राजस्व रथ, मधु एप जैसे अभियान सिर्फ गंजाम जिला से ही शुरू हुआ है.
कोरोना संक्रमण के मद्देनजर राजस्व रथ जिला के हर गांव में घुमाकर तहसील संबंधित शिकायतें ग्रहण करने के साथ-साथ घर व जमीन का पट्टा वितरण, मो निवेदन कार्यक्रम हर पंचायत में करके लोगों की शिकायतों की सुनवाई करके समस्याओं के समाधान किया जा रहा है. इससे लोग कार्यालय न आकर भी अपना शिकायतें कर पा रहे हैं. मधु एप कोरोना पाबंदी समय में बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में सहायक हो पाया है. स्मार्ट क्लास लागू होने में सबसे आगे है गंजाम जिला. मनरेगा में रिकार्ड संख्या में श्रम दिवस सृजित करके राज्य में पहले स्थान पर रहने के साथ-साथ देश में चौथे स्थान में है गंजाम जिला. पर्यावरण एवं नवीकरण के लिए पिलाटिए गछटिए कार्यक्रम, दुकानदारों को पंचसूत्री नियम पालन करना आदि कार्यक्रम गंजाम जिलाधीश विजय अमृता कुलांगे को सफलता की चोटी में पहुंचाया है.