काठमांडू। नेपाल के सत्तारूढ़ गठबंधन में असंतोष बढ़ता जा रहा है। सरकार के घटक दल ही इस गठबंधन के बारे में विरोधी बयान देने लगे हैं। अभी हाल ही में एक सत्तारूढ़ दल का विभाजन होने के बाद अब दूसरे एकीकृत समाजवादी पार्टी ने सरकार से समर्थन वापस लेने का संकेत दिया है।
प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व में वर्तमान सत्तारूढ़ गठबंधन के प्रमुख घटक दल एकीकृत समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष माधव कुमार नेपाल ने कहा है कि गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पार्टी के केन्द्रीय कमेटी की बैठक में माधव नेपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री प्रचंड और केपी शर्मा ओली की तरफ से गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया जा रहा है। हाल ही में जनता समाजवादी पार्टी के विभाजन के लिए प्रधानमंत्री प्रचंड और ओली को दोषी बताते हुए माधव नेपाल ने कहा कि दुनिया के राजनीतिक इतिहास में ऐसा कम होता है, जब प्रधानमंत्री अपने ही सत्तारूढ़ घटक दल का विभाजन करवाकर अपने मंत्रियों को बाहर निकालते हैं।
माधव नेपाल ने यह भी कहा कि जनता समाजवादी पार्टी (जसपा) के विभाजन के बाद अब प्रधानमंत्री प्रचंड और ओली मिल कर उनकी पार्टी के विभाजन का षड्यन्त्र कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस गठबंधन में सहमति बनी थी कि सात में से तीन प्रदेश एमाले, दो प्रदेश माओवादी और एक-एक प्रदेश जसपा और उनकी पार्टी को मिलेगा। एमाले और माओवादी पार्टी प्रदेश में अपनी सरकार बना चुकी है लेकिन जसपा की सरकार गिरा दी गई और अब एकीकृत समाजवादी की सरकार गिराने की तैयारी है। उन्होंने कहा कि दो दिन बाद सुदूर पश्चिम की सरकार अपना विश्वास मत लेने वाली है लेकिन ओली की पार्टी ने विश्वास का मत नहीं देने का संकेत किया है।
माधव नेपाल ने कहा कि यदि सुदूर पश्चिम प्रदेश में उनकी पार्टी के नेतृत्व की सरकार गिरती है तो काठमांडू में गठबंधन में बने रहने का कोई मतलब नहीं है। माधव नेपाल ने कहा कि हमारी पार्टी को इस गठबंधन से बाहर निकालने का पूरा माहौल बनाया जा रहा है। दो दिन में अगर उनकी प्रदेश सरकार को समर्थन नहीं मिला तो वैकल्पिक गठबंधन को लेकर विचार किया जाएगा।
साभार – हिस