काठमांडू। नेपाली सेना ना सिर्फ महंगे दामों में, बल्कि कई देशों और यूएन मिशन में रिजेक्टेड सैन्य सामग्री चीन की कंपनी से खरीदने जा रही है। दक्षिण एशियाई और अफ्रीकी देशों को सस्ते हथियार बेचने वाली चीनी कंपनी से हथियार खरीदने के लिए नेपाली सेना ने लेटर ऑफ क्रेडिट (एलसी) खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
यह पहली बार नहीं है जब नेपाली सेना ने चीन से महंगे और घटिया सामान की खरीद प्रक्रिया शुरू की है, बल्कि सात महीने पहले भी इसकी प्रक्रिया शुरू की गई थी। तब इस बात की आलोचना होने के बाद कुछ समय के लिए इसे रोक दिया गया था। अब एक बार फिर से पिछले हफ्ते सेना ने चीनी कंपनी नॉर्थ इंडस्ट्रीज कॉर्पोरेशन के साथ हथियार खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सेना ने 538,000 अमेरिकी डॉलर प्रति यूनिट की दर से 26 बख्तरबंद गाड़ियां (एपीसी), 250,000 अमेरिकी डॉलर प्रति यूनिट की दर से 72 सामरिक वाहन और 12.7 मिमी की 50 हजार बुलेट्स की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है।
सेना की तरफ से हिमालयन बैंक की मुख्य शाखा में एलसी खोलने के लिए आवेदन दिया गया है। हिमालयन बैंक पाकिस्तान के हबीबी बैंक का संयुक्त उपक्रम है। चीन इसी पाकिस्तानी बैंक पर दबाब डालकर नेपाली सेना का एससी खुलवाने का प्रयास कर रहा है। कुल 33 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सैन्य सामग्री खरीदने के लिए पांच एलसी खोलने का प्रस्ताव बैंक के पास भेजा गया है, जिसकी स्वीकृति के लिए केन्द्रीय नेपाल राष्ट्र बैंक से अनुमति लेने की प्रक्रिया में है।
नेपाली सेना के प्रधान सेनापति प्रभुराम शर्मा के हाल ही में हुए चीन दौरे के बाद सेना ने एपीसी समेत सैन्य साजो-सामान खरीदने की प्रक्रिया शुरू की है। इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’, रक्षा मंत्री पूर्ण बहादुर खड़का और प्रधान सेनापति शर्मा के बीच चर्चा होने के बाद यह प्रक्रिया शुरू की गई है। नेपाली सेना चीन की जिस कंपनी से एपीसी और अन्य सैन्य सामग्रियां खरीद रही है, वह बांग्लादेश, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड और पाकिस्तान जैसे अन्य देशों में हथियार सप्लाई करती है, लेकिन हर जगह से शिकायत मिलने के बाद कई देशों ने इस चीनी कंपनी पर अपने यहां प्रतिबंध लगा दिया है।
साभार -हिस