काठमांडू। नेपाल में चीन के राजदूत की तरफ से भारत के विरोध में दिए गए आपत्तिजनक बयान पर आज नेपाल के संसद के दोनों सदनों में बहस का मुद्दा बना रहा। दोनों सदनों के सांसदों ने चीनी राजदूत के आपत्तिजनक और गैरकूटनीतिक बयान का विरोध करते हुए राजदूत को वापस भेजने की मांग की है।
प्रतिनिधि सभा में सत्तारूढ़ घटक दल जनमत पार्टी के सांसद अब्दुल खान ने कहा कि नेपाल भारत के संबंधों को लेकर चीनी राजदूत का बयान घोर आपत्तिजनक है। ऐसे राजदूत को देश निकाला देना चाहिए। पूर्व मंत्री अब्दुल खान ने कहा कि किसी भी और देेश के राजदूत को यह अधिकार नहीं है कि वह हमें कूटनैतिक ज्ञान दे।
राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के सांसद धवल शमशेर राणा ने चीनी राजदूत के बयान को नेपाल भारत के बीच रहे संबंधों को बिगाड़ने वाला बताया। सदन में सांसद राणा ने कहा कि चीनी राजदूत के बयान की जितनी निंदा की जाए कम है। ऐसे राजदूत को देश में रखने पर बांकी देशों के साथ हमारा संबंध बिगड़ सकता है, इसलिए कूटनीतिक सीमा उल्लंघन करने वाले चीनी राजदूत को तत्काल वापस भेज देना चाहिए।
इसी तरह नेपाली कांग्रेस के सांसद उदय शमशेर राणा ने कहा कि चीनी राजदूत का बयान किसी भी कीमत पर सह्य नहीं है। उन्होंने कहा कि चीनी राजदूत को नेपाल भारत संबंध पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। कूटनैतिक मर्यादा के विपरीत बोलने वाले चीनी राजदूत से माफी मंगाना चाहिए और माफी नहीं मांगने पर उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए।
प्रतिनिधि सभा की तरह उच्च सदन राष्ट्रीय सभा में भी चीनी राजदुत के विवादास्पद बयान पर विरोध हुआ। राष्ट्रीय सभा में नेपाली कांग्रेस के नेता जीतेन्द्र देव ने चीनी राजदूत तो तत्काल पर्ना नन ग्राटा लगाकर देश निकाला करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से इस बारे में अब तक कुछ नहीं बोलने से संशय और अधिक बढ़ गया है। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री के चीन भ्रमण की तैयारी के समय चीनी राजदूत का ऐसा बयान आना आपत्तिजनक है, इसका असर प्रधानमंत्री के चीन भ्रमण पर भी पड सकता है।
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