नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में मंगलवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में मोहन चरण माझी को राज्य के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया। तेजतर्रार नेता के तौर पर अपनी पहचान रखने वाले माझी आदिवासी समाज से ताल्लुक रखते हैं।
सीएम के तौर पर मोहन चरण माझी के चयन के साथ दो उपमुख्यमंत्री भी बनाए जाएंगे। जिसके लिए कणक वर्धन सिंह देव और पारवती परिदा के नाम का ऐलान किया गया है। छत्तीसगढ़ के बाद ओडिशा दूसरा ऐसा राज्य है, जहां भाजपा ने मुख्यमंत्री पद के लिए मोहन चरण माझी के रूप में आदिवासी चेहरे को चुना है।
दरअसल, मोहन चरण माझी संथाल आदिवासी समुदाय से आते हैं। ओडिशा से आने वाली राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बाद मोहन चरण माझी को सीएम बनाकर भाजपा ने आदिवासी समाज को सियासी तौर पर बड़ा संदेश दिया है। मोहन चरण माझी को ओडिशा के दूसरे आदिवासी मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद भाजपा ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है।
मोदी सरकार में रेल, सूचना-प्रसारण और आईटी मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट के जरिए कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है।
उन्होंने पोस्ट किया, “कुछ गौर करने लायक बातें हैं। पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर, जो बड़े पैमाने पर आदिवासी बहुल हैं, कांग्रेस ने 21वीं सदी में किसी आदिवासी को मुख्यमंत्री नियुक्त नहीं किया है। वहीं, भाजपा ने अभी तक आदिवासी समाज के चार सीएम बनाए हैं, जिनमें बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, विष्णुदेव साय और मोहन माझी का नाम शामिल है।”
उन्होंने आगे लिखा, “असम में भी भाजपा ने सर्बानंद सोनोवाल को सीएम बनाया, जबकि कांग्रेस ने किसी आदिवासी को सीएम नहीं बनाया। राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया। 2012 के राष्ट्रपति चुनाव में पीए. संगमा की उम्मीदवारी का भाजपा ने समर्थन किया था, जबकि कांग्रेस ने इन दोनों का विरोध किया था। यह एक झलक है कि किसे आदिवासी सशक्तीकरण की परवाह है और किसे नहीं।”
माझी राज्य के अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित क्योंझर विधानसभा क्षेत्र से 4 बार विधायक रह चुके हैं। एक लोकप्रिय आदिवासी नेता, माझी ने 2024 के विधानसभा चुनाव में बीजेडी की मीना माझी के खिलाफ 11,577 मतों के अंतर से जीत हासिल की। 2019 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बीजेडी के माधबा सरदार के खिलाफ 1,124 मतों के मामूली अंतर से जीत हासिल की थी। इससे पहले माझी ने 2000 से 2009 के बीच दो बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था।
माझी ने अपना राजनीतिक जीवन गांव के सरपंच से शुरू किया था। 2019 के विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें ओडिशा विधानसभा में विपक्ष का मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया था। जिन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर नवीन पटनायक सरकार के खिलाफ भाजपा के हमले का नेतृत्व किया था।
–आईएएनएस
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